132 संगीतकारों के साथ काम किया था नक्श लायलपुरी ने

नक्श लायलपुरी, उर्दू कवि, गीतकार, जिन्होंने अपने करियर में 132 संगीत निर्देशकों के साथ काम किया था, उनका मुंबई में 89 साल की उम्र में निधन हो गया। 
 
दुनिया में नक्श लायलपुरी के नाम से पहचाने जाने वाले प्रख्यात उर्दू शायर और गीतकार जसवंत राय शर्मा का रविवार, 22 जनवरी को निधन हुआ। वह कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और और उन्होंने अंधेरी स्थित अपने घर पर सुबह लगभग 11.15 बजे अंतिम सांस ली। पंजाब के लायलपुर में जन्मे लायलपुरी 1940 के दशक में हिंदी सिनेमा में करियर बनाने के लिए मुंबई पहुंचे थे। लायलपुर अब पाकिस्तान का हिस्सा है।
 
हालांकि, उन्हें गीतकार के रूप में पहला ब्रेक साल 1952 में मिला था, लेकिन साल 1970 के दशक तक उन्हें खास सफलता नहीं मिल पाई थी। मुंबई में अपने संघर्ष के शुरुआती दिनों में उन्होंने दैनिक जरूरतें पूरी करने के लिए कुछ समय डाक विभाग में भी काम किया था।
 
उन्होंने कई शीर्ष फिल्म निर्देशकों, संगीत निर्देशकों और गायकों के साथ काम किया। इनमें नौशाद, शंकर जयकिशन, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, बप्पी लाहिड़ी, जगजीत सिंह और जैसे कई सारे नाम है। सुमधुर, रूमानी और भावनात्मक गीत लिखे, जो लाखों दिलों को छू गया।
 
उनके सबसे अच्छे गीतों में से कुछ शामिल हैं : ‘मैं तो हर मोड़ पर’, ‘ना जाने क्या हुआ जो तुने छू लिया’, ‘उल्फत में जमाने की हर रस्म को ठुकराओ’ और ‘दो दीवाने शहर में’।
 
टीना घई ने बताया कि मैं अपने पिताजी को कुछ साल पहले ही खो दिया था और अब मैंने पिता जैसे नक्श साहब को खो दिया है। राजन लायलपुरी ने कहा कि वह मेरे लिए परिपूर्ण थे .... मेरे पिता, मेरे शिक्षक, मेरे उपदेशक, मेरे दोस्त थे। 
 
नक्श जी का आखिरी गाना बप्पी लाहिरी ने एक फिल्म के लिए रिकॉर्ड किया था। 

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