Sanskrit Spanish translator Oscar Pujol: संस्कृत और स्पैनिश भाषा में अनुवाद के माध्यम से दोनों भाषाओं के बीच एक घनिष्ठ संबंध कायम करने के लिए ऑस्कर पुजोल को 8वें 'वाणी फाउंडेशन विशिष्ट अनुवादक पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। पुजोल ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से संस्कृत में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है।
ऑस्कर पुजोल का भारत के साथ जीवन भर का जुड़ाव रहा है। वह नई दिल्ली और रियो डी जनेरियो के सर्वान्तेस इंस्टीट्यूट के निदेशक और कासा एशिया के शैक्षिक कार्यक्रमों के निदेशक रहे हैं। वह कई पुस्तकों के लेखक और अनुवादक हैं।
पुरस्कार के तहत पुजोल को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह और एक लाख रूपये की धनराशि प्रदान की गई। पुजोल को यहां 17वें जयपुर साहित्योत्सव में रविवार को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
ऑस्कर पुजोल ने जिन पुस्तकों की रचना की है उनमें संस्कृत और कैटलन भाषा का पहला शब्दकोश, संस्कृत और स्पेनिश भाषा का शब्दकोश, शंकराचार्य के दर्शन और शास्त्रों पर आधारित स्पेनिश ग्रन्थ शामिल हैं। संस्कृत भाषा के प्रति उनके समर्पण के लिए उन्हें कर्मयोगी और भाषा प्रेमी के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
भगवद्गीता का उनका नवीनतम अनुवाद संस्कृत से स्पेनिश संस्करण ला भगवद्गीता के नाम से प्रकाशित हुआ है। वाणी प्रकाशन बुक्स और टीमवर्क आर्ट्स द्वारा पुजोल को यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
पुरस्कार के लिए पुजोल का चयन करने वाली ज्यूरी में जेएलएफ की सह निदेशक और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित नमिता गोखले, प्रख्यात अनुवादक अरूणव सिन्हा तथा कवि, संगीत एवं सिनेमा विद्वान और आत्मकथा लेखक यतिन्द्र मिश्रा शामिल थे।
'वाणी फाउंडेशन विशिष्ट अनुवादक पुरस्कार' हर साल ऐसे किसी अनुवादक को प्रदान किया जाता है जिसने कम से कम दो भारतीय या अंतरराष्ट्रीय भाषाओं के बीच सतत एवं उच्च कोटि के अनुवाद कार्य के माध्यम से भाषाई पुल निर्मित करने में योगदान दिया है।