हाल में परिणीति ने महामारी की दूसरी लहर के बीच शूटिंग के दौरान के अपने अनुभवों का खुलासा किया है। उन्होंने कहा, जब हमने कोड नेम तिरंगा की शूटिंग की, वह समय मानव जाति के अब तक के सबसे अप्रत्याशित समय में से एक था। कोविड 19 की दूसरी लहर के दौरान भारत में लॉकडाउन लगने से 3 दिन पहले ही हम तुर्की के लिए रवाना हुए थे।
परिणीति ने कहा, मुझे एक्टिंग करना सबसे ज्यादा पसंद है और यह सौभाग्य की ही बात थी कि मुझे वह सब करने का मौका मिला। चूंकि, हर एक दिन काफी कठिन था और इससे निपटने के लिए हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
तुर्की में टीम को जिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, उसके बारे में परिणीति ने विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, ऐसे भी दिन थे, जब हमें नहीं पता था कि हम अगले दिन शूटिंग कर पाएंगे या नहीं। ऐसे में एक दिन की शूटिंग रद्द होने का मतलब पूरे शेड्यूल को दोबारा तैयार करना था। ऐसा महसूस हो रहा था कि पूरी टीम को एक टापू पर अलग-थलग कर दिया गया है।
परिणीति कहती हैं, इससे हम सब घर से दूर एक बड़े परिवार की तरह हो गए, जो दिन प्रतिदिन कई बाधाओं से जूझ रहे थे। फिल्म के निर्देशक और निर्माता चट्टान की तरह खड़े थे और उन्होंने अपने रास्ते में आने वाली हर चुनौती को स्वीकार करने का फैसला किया। उस मुश्किल समय से एक साथ गुजारने के लिए मैं कोड नेम तिरंगा की टीम के अलावा किसी और को नहीं चुनती, और इसके लिए हम काफी मजबूत हैं।