नसीर ने कहा कि सत्तर के दशक में हिंदी फिल्मों का स्तर गिर गया था। उस समय राजेश खन्ना का उदय हुआ था। मेरे खयाल से राजेश खन्ना औसत दर्जे के अभिनेता था, या कहना चाहिए वे घटिया कलाकार थे। उनका जो मिजाज था या फिल्मों को करने की जो पसंद थी वो फिल्म इंडस्ट्री पर हावी हो गई। स्क्रिप्ट, अभिनय, संगीत और गीत सभी का पतन हो गया। सब रंगीन हो गए। हीरोइन परपल ड्रेस और हीरो लाल शर्ट पहनने लगे। उनको कश्मीर ले जाओ और फिल्म तैयार। कहानी की कोई जरूरत नहीं। यह सिलसिला चल पड़ा। मेरे विचार से राजेश खन्ना को तब कुछ करना था क्योंकि वे उस समय 'भगवान' थे। मैं जब उनसे मिला तो वे जागरूक कलाकार नहीं लगे।'
नसीर की यह टिप्पणी राजेश खन्ना की बेटी ट्विंकल खन्ना को बर्दाश्त नहीं हुई। ट्विंकल ने ट्वीट किया- सर, यदि आप जीवित लोग का सम्मान नहीं कर सकते तो कम से कम मृतक का सम्मान कीजिए। आप उस शख्स पर हमला कर रहे हैं जो प्रतिक्रिया नहीं दे सकता। आपकी वास्तविकता का सम्मान करते हुए कहना चाहूंगी कि मेरे लिए राजेश खन्ना वो इंसान थे जिन्होंने सिनेमा को प्यार किया और आनंद, अमर प्रेम और कटी पतंग जैसी फिल्में दीं। उनको लोगों ने जो प्यार दिया उसके लिए धन्यवाद।'