अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस पर रणवीर सिंह ने युवाओं से की खास अपील

Webdunia
गुरुवार, 23 सितम्बर 2021 (14:50 IST)
बॉलीवुड सुपरस्टार रणवीर सिंह बधिर समुदाय के सामने खड़ी समस्याओं को उठाने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। वह अधिकारियों से इंडियन साइन लैंग्वेज (आईएसएल) को भारत की 23वीं आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता देने और इसकी घोषणा करने का भी आग्रह करते रहे हैं। 

 
रणवीर सिंह ने सामाजिक मुद्दों को लेकर हमेशा अपनी आवाज बुलंद की है और हाल ही में उन्होंने आईएसएल के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक याचिका पर दस्तखत भी किए हैं। रणवीर के इंडिपेंडेंट रिकॉर्ड लेबल 'इंकइंक', जिसे उन्होंने नवज़ार ईरानी के साथ मिलकर बनाया है, ने साइन लैंग्वेज में म्यूजिक वीडियो भी जारी किए हैं। 
 
इंकइंक ऐसा प्रगतिशील कदम उठाने वाला एकमात्र रिकॉर्ड लेबल है। इंडियन साइन लैंग्वेज को आधिकारिक भाषा बनाने की दिशा में किए गए रणवीर के प्रयासों को देखते हुए भारत के बधिर समुदाय ने तहेदिल से उनकी सराहना की है और उनका शुक्रिया अदा करने के लिए एक थैंक यू वीडियो भी तैयार किया है।
 
अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस 2021 के अवसर पर रणवीर ने युवाओं से अपील की है कि वे बधिर समुदाय के लिए एक समावेशी जगह तैयार करें। उन्होंने कहा, अगर पिछले साल-डेढ़ सालों में हमने कुछ सीखा है, तो वह है समुदाय की ताकत को सलाम करना और एक-दूसरे के लिए हमेशा उपलब्ध रहना। 
 
रणवीर ने कहा, युवाओं के लिए मेरा संदेश यही होगा कि आप अपना काम करते रहें... और यदि आप बधिर समुदाय के साथ काम करके किसी भी तरह से कोई समावेशी जगह तैयार कर सकते हैं, तो कृपया कोशिश करें। इसके लिए हॉस्पिटैलिटी से लेकर शिक्षा और रचनात्मक कलाओं के क्षेत्र तक में काम किया जा सकता है। यह बदलाव हम सब मिलकर ही ला सकते हैं और मेरा भरोसा व समर्थन अपने देश के युवाओं के साथ है।
 
रणवीर और उनका आर्टिस्ट समूह इंकइंक इस नेक कार्य के लिए बदलाव लाने की कार्रवाई से संबंधित टिकाऊ व पुख्ता योजनाएं बनाने में सबसे आगे रहा है। इस वर्सेटाइल एक्टर ने जागरूकता बढ़ाते रहने के लिए अपनी आगामी योजनाओं का खुलासा किया है। 
 
रणवीर बताते हैं, आगे अभी लंबा सफर तय किया जाना है। इंकइंक में हम सभी अपने बधिर समुदाय का सहयोगी बनकर आगे बढ़ने तथा उनके साथ मंजिल पा लेने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस सफर के कई चरण हैं। पहले चरण में आईएसएल को आधिकारिक मान्यता दिलाने के लिए दायर याचिका के जरिए बधिर समुदाय का समर्थन किया जा रहा है और अगले चरण में बधिर समुदाय की जमीनी पहुंच बनाकर समाज को ज्यादा समावेशी बनाया जाएगा।
 
उन्होंने आगे कहा, इंकइंक में हम कला रचते हैं और इस कला को हम बधिर समुदाय के लिए सुलभ बनाना जारी रखेंगे। उदाहरण के लिए, अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस मनाने हेतु हमने आज आईएसएल वीडियो- मोहब्बत, संगीत, ब्लैक, और करो तथा विचार जारी किए हैं। हमारे पास ऐसे-ऐसे आइडिया हैं, जिन पर मंथन चल रहा है। हम बातचीत के माध्यम से बधिर समुदाय के साथ अपने संबंध और मजबूत करेंगे। 
 
रणवीर आईएसएल समुदाय के लिए टीम इंकइंक के अगले माइलस्टोन गिनाते हैं जो बधिरों को और ज्यादा समावेशित करने की दिशा में समाज की सुई घुमाएंगे। वह कहते हैं, इंकइंक का बधिर समुदाय के साथ रिश्ता 2019 में बना था। तब हमने अपने आर्टिस्ट स्पिटफायर के साथ एक आईएसएल दुभाषिए का लाइव प्रदर्शन कराया था, जो नेशनल टीवी पर प्राइम टाइम में टेलीकास्ट हुआ। यह टेलीविजन पर भारत का पहला आईएसएल परफॉर्मेंस था। इसके बाद हमने खुद सीखा और पिछले साल मई में समुदाय के हितों की हिमायत की। हमने आईएसएल को भारत की 23वीं मान्यता प्राप्त भाषा घोषित करने के लिए एक याचिका शेयर करके अपनी ऑडियंस से इस पर दस्तखत करने का आग्रह किया।
 
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए वह कहते हैं, इस माइलस्टोन की दिशा में पहला कदम सरकार ने कुछ हफ्ते पहले उठाया था और 9-12 ग्रेड तक के छात्रों को स्कूलों में आईएसएल सीखने का विकल्प उपलब्ध कराया। लेकिन जिस दिन आईएसएल संविधान के तहत 23 वीं मान्यता प्राप्त भारतीय भाषा बन जाएगी, तभी वह माइलस्टोन हासिल होगा, जो सुई की दिशा को घुमा देगा। मुझे अपने देश के नेताओं पर पूरा भरोसा है और मैं जानता हूं कि हम यह उपलब्धि हासिल करने जा रहे हैं। मैं देश के नागरिकों से इस याचिका पर ज्यादा से ज्यादा दस्तखत करने का आग्रह करता हूं, ताकि वह दिन हमें जल्द ही देखने को मिल सके।

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