रुपाली गांगुली ने कहा, मेरे पिता अनिल गांगुली एक फिल्ममेकर थे, जो कि काफी पैशन के साथ फिल्में बनाते थे। यह उन दिनों की बात है जब घर बेचकर भी फिल्में बनाई जाती थीं। हमारी खराब किस्मत कि पापा की दो तीन फिल्में फ्लॉप हो गईं और हम सड़क पर आ गए। उस दौरान मैंने केटरिंग से होटल मैनेजमेंट करना शुरू किया।
रुपाली ने कहा, पापा की तबीयत भी ठीक नहीं रहती थी तो मैंने अपने कैटरिंग कॉलेज के माध्यम से वेटर का काम भी किया है, जहां मुझे प्रति घंटे 180 रुपए मिलते थे। पैसे को लिए मैंने काफी दूसरे काम भी ट्राई किए और इसके साथ ही स्टेज पर अपनी एक्टिंग चालू रखी।