Rakshak: सुपरहीरो ग्राफिक नॉवेल पर बनेगी पहली बॉलीवुड फिल्म, संजय गुप्ता करेंगे निर्देशन

गुरुवार, 17 सितम्बर 2020 (18:13 IST)
‘काबिल’, ‘शूटआउट एट वडाला’ और ‘जज्बा’ जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके संजय गुप्ता ग्राफिक नॉवेल ‘रक्षक’ पर फीचर फिल्म बनाने के लिए तैयार हैं। ‘रक्षक’ एक सुपरहीरो है जो लोगों की रक्षा करता है। अभी तक इसे सिर्फ बच्चे किताबों में पढ़ते थे, अब यह बड़े पर्दे पर भी दिखाई देगा। यह ग्राफिक नॉवेल पर आधारित भारत की पहली फीचर फिल्म होगी।

पिछले दिसंबर में संजय गुप्ता ने घोषणा की कि उनके प्रोडक्शन बैनर व्हाइट फेदर फिल्म्स ने ग्राफिक नॉवेल ‘रक्षक-ए हीरो अमंग अस’ के राइट्स खरीद लिए हैं। फिल्म की स्क्रिप्ट संजय गुप्ता, समीर हाफिज और शमिक दासगुप्ता मिलकर लिख रहे हैं।

So proud and happy to announce that my company White Feather Films has acquired the rights for RAKSHAK. A thrilling graphic novel about a vigilante superhero.
This is India’s first graphic novel to be made into a massive & ambitious feature film to be directed by me. pic.twitter.com/xXGxBkwLX7

— Sanjay Gupta (@_SanjayGupta) December 24, 2019


फिल्म निर्माता बताते हैं, “जब मैं अपनी एक और बड़ी फिल्म पर काम कर रहा था, तब मैं ‘रक्षक’ के लेखक शमिक दासगुप्ता से मिला था। उस समय, उन्होंने सारी किताबों को मेरे साथ शेयर किया था लेकिन मैं अपने दूसरे जरूरी कामों की वजह से इसके बारे में भूल गया था। लेकिन जब शमिक मेरी आने वाली फिल्म ‘मुंबई सागा’ के सेट पर आए, तो वहां जॉन भी अब्राहम थे, जिन्होंने मुझे इसके बारे में याद दिलाया और यह भी बताया कि इस प्रोजेक्ट में दम है। जब मैंने इसे पढ़ा तो इसके मुख्य किरदार, सुपरविलेन और इसकी कहानी ने मुझे बहुत उत्साहित कर दिया।

फिल्म की स्क्रिप्टिंग पर काम शुरू हो चुका है। संजय गुप्ता ने जुलाई में फिल्म की स्क्रिप्टिंग लिखते हुए कुछ तस्वीरें टि्वटर पर शेयर कर इस बात की जानकारी दी थी।

And it begins... for the record on this beautiful morning. pic.twitter.com/iYhq2fl5z6

— Sanjay Gupta (@_SanjayGupta) July 15, 2020


संजय बताते हैं कि अभी इस फिल्म के लिए कोई कलाकार तय नहीं किया है। वह कहते हैं, सिर्फ हीरो ही नहीं, मुझे एक मजबूत सुपरविलेन भी चाहिए जो मार्शल आर्ट जैसी कलाओं में निपुण हो।

‘रक्षक’ एक एक्स-इंडियन मरीन कोर्प के सोल्जर कैप्टन आदित्य शेरगिल के इर्द-गिर्द घूमेगी। कुछ कारणों के चलते आदित्य को सेना को छोड़ना पड़ता है और उसके बाद कुछ ऐसी घटनाएं घटित होती हैं कि आदित्य को ‘रक्षक’ बनना पड़ता है। वह कानून को अपने हाथों में लेते हुए मजबूर, कमजोर और रक्षाहीन लोगों की रक्षा करने की जिम्मेदारी उठाता है।

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