शत्रुघ्न सिन्हा ने बतौर विलेन एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। 70-80 के दशक में शत्रुघ्न सिन्हा ने दर्शको को इस कदर दीवाना बनाया कि नायक की तुलना में उन्हें अधिक वाहवाही मिली। यह फिल्म इंडस्ट्री के इतिहास में पहला मौका था जब किसी खलनायक के पर्दे पर आने पर दर्शकों की ताली और सीटियां बजने लगती थी।
शत्रुघ्न सिन्हा के चेहरे का कट उनकी पहचान बना। उस जमाने में कई लोग शत्रुघ्न सिन्हा जैसा कट अपने चेहरे पर बनाने की कोशिश करते थे। बीते दिनों एक इवेंट के दौरान शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया था कि उनके चेहरे पर यह निशान कैसे आया था।
शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया था कि उनके चेहरे पर यह निशान बचपन में रेजर ब्लेड से चोट लगने की वजह से आया था, जो आज भी है। करियर की शुरुआत में वो इस निशान को फिल्मों में छुपाया करते थे और खुद को बदसूरत समझते थे।
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि बचपन में वो बहुत शरारती थे। उनके पिता यूएस गए थे तब वह अपनी मां और मामा-मामी के साथ रहते थे। एकबार जब मामा को कहीं निकलना था तो जल्दबाजी में उन्होंने शेव करने के बाद रेजर में ही ब्लेड छोड़ दिया था। शत्रुघ्न ने रेजर उठाकर बहन का शेव करना शुरू किया और बहन का गाल कट गया और बाद में उसी से ही अपनी शेविंग करना शुरू कर दिया फिर अपने ठोड़ी में ब्लेड को गड़ा दिया।
शत्रुघ्न बताते है कि उन्हें लगता था कि अस्पताल ले जाकर उनकर इलाज करवाया गया था और टांके लगवाए गए थे, लेकिन ऐसा नहीं है। जल्दबाजी में घरेलू नुस्खों से उनकी चोट को ठीक किया गया था। उनके घाव पर राख लगाकर बहते खून को रोका गया था।
शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया कि जब वह बड़े हुए तो उन्हें यह निशान खराब लगते लगा। वह सर्जरी करके इस निशान को हटवाना चाहते थे। लेकिन इसी बची उनकी मुलकात देवानंद साहब से हुई। देव साहब ने कहा कि अभी तुम्हारा काम चल रहा है, नाम और आगे तक चलेगा। जब नाम चलेगा तो आगे जाकर यही निशान स्टाइल बन जाएगा। Edited By : Ankit Piplodiya