यह नृत्य शैली बंगाल में अच्छी तरह से जानी जाती है और देवी दुर्गा के सामने की जाती है। जब इस बारे में पूछा गया तो शरद कहते हैं, “यह पहली बार है जब मैंने दुर्गा पूजा के लिए प्रसिद्ध धुनुची नृत्य किया है। इसका प्रसारण होना बाकी है, लेकिन मुझे वास्तव में खुशी महसूस हुई।”
सिटी ऑफ जॉय कोलकाता में पले-बढ़े शरद कहते हैं, ''मुझे याद है कि जब मैं बच्चा था तब हम दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों पर घूमते थे और ढोल की थाप पर नृत्यांगनाओं को थिरकते देख कर आनंद लेते थे। यह नृत्य का एक सुंदर सिंक्रनाइज़ रूप है जिसमें ऊर्जा और सकारात्मकता है। आज पहली बार मुझे यह अपने शो 'मुस्कान' में सीखने और प्रदर्शन करने का अवसर मिला।”