जैकी श्रॉफ को सुभाष घई ने 'हीरो' से हीरो के रूप में लांच किया था। इसका अहसान जैकी श्रॉफ ने हमेशा माना। सुभाष घई की फिल्मों में कई बार उन्होंने मामूली भूमिका भी अहसान के रूप में निभाई। सुभाष घई का जादू खत्म हो चुका है। उनकी पिछली कई फिल्में असफल रही हैं। नई पीढ़ी के कलाकार उनके साथ काम करने के लिए राजी नहीं हैं। बड़े सितारों के पास उनके लिए समय नहीं है।
खबर है कि टाइगर श्रॉफ अब सुभाष घई के निर्देशन में काम करना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि उनको लेकर सुभाष घई फिल्म बनाएं। अस्सी और नब्बे के दशक में घई ने कालीचरण, हीरो, मेरी जंग, कर्मा, राम लखन, खलनायक, सौदागर और परदेस जैसी सफल फिल्में बनाई हैं। दर्शकों की नब्ज को बखूबी उन्होंने पकड़ा, लेकिन वर्ष 2000 के बाद उनका जादू चल नहीं पाया।
घई को लगता है कि अभी भी उनके अंदर देने को बहुत कुछ है। यही बात टाइगर भी महसूस करते हैं। अपने पिता की तरह वे भी सुभाष घई का अहसान मानते हैं। घई ने जैकी को मौका दिया था और अब टाइगर को लगता है कि लौटाने का समय आ गया है। वे घई के साथ काम कर उन्हें अवसर दे रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि यदि फिल्म सफल होती है तो घई कुछ और फिल्में बना सकते हैं।