इस किताब में राज साहब के हवाले से लिखा गया है कि यह साधारण-सी दिखने वाली एक लड़की की कहानी है, जिसकी पुरकशिश आवाज से एक व्यक्ति उससे प्यार करने लगता है। मैं इस भूमिका के लिए लता मंगेशकर को लेना चाहता था। वे मानते थे कि कोई भी पवित्र रिश्ता सुंदरता पर नहीं बल्कि प्रेम और विश्वास पर आधारित होता है।