किशोर कुमार हरफनमौला थे। फिल्मों में उन्होंने अभिनय किया, गीत गाए, संगीत दिया, निर्देशन किया, निर्माता बने और लेखन भी किया। कई किस्से किशोर कुमार के बारे में मशहूर हैं। उन्हें कंजूस भी कहा जाता था। ये बात और है कि राजेश खन्ना जब फिल्म निर्माता बने तो उनकी फिल्म में गाने के लिए किशोर कुमार ने एक पैसा नहीं लिया। सत्यजीत रे की फिल्म में भी फ्री में गाया।
लेकिन बाकी फिल्म निर्माताओं से किशोर कुमार पहले पैसे लेते थे, फिर गाते थे। किशोर कुमार के ड्राइवर अब्दुल के पास फिल्म निर्माता रिकॉर्डिंग के पहले पैसे दे देते थे। उसके बाद ही किशोर कुमार गाना गाते थे। निर्माता पैसे देने में देरी करता तो किशोर गाना रिकॉर्ड नहीं करवाते।
एक बार अभिनेता विश्वजीत फिल्म बना रहे थे और किशोर कुमार से गवाने के लिए स्टूडियो बुक किया। उस दिन विश्वजीत स्टूडियो पहुंच नहीं सके और अपने सहायक को वहां भेज दिया। सहायक ने सोचा कि किशोर कुमार को गाने के बाद वह पैसा दे देगा। किशोर स्टूडियो पहुंचे। आदतन उन्होंने अपने ड्राइवर से पूछा कि चाय पी या नहीं? उसने कहा नहीं।
विश्वजीत के सहायक को चाय पीने वाली बात के पीछे का अर्थ पता नहीं था। उसने अब्दुल के लिए चाय पहुंचवा दी। इधर किशोर कुमार टाइम पास करने लगे। थोड़ी देर बाद उन्होंने फिर अब्दुल से चाय पीने के बारे में पूछा और अब्दुल ने नहीं जवाब दिया। किशोर कुमार फिर टालमटोली करने लगे। इधर विश्वजीत का सहायक बार-बार अब्दुल को चाय पिलाता रहा और इसी में समय बीत गया।
तीन-चार घंटे बाद किशोर कुमार बिना गाना गाए घर चले गए। अब्दुल दस से ज्यादा चाय पी चुका था। विश्वजीत के सहायक ने यह बात विश्वजीत को बताई तो उन्होंने सिर पकड़ लिया। उन्होंने कहा कि भाई मेरे, चाय पीने के बहाने किशोर कुमार बार-बार पैमेंट के बारे में अब्दुल से पूछ रहे थे। अगले दिन खुद विश्वजीत स्टूडियो पहुंचे। सीधे अब्दुल को पैसे दिए।