दिल तो दीवाना है की कहानी राजा (हैदर खान) और अनामिका (सदा) के आसपास घूमती है। जीनत अमान फिल्म में राजा की मां के किरदार अकेले पैरेंट की भूमिका में हैं।
राजा खुद में खोया रहने वाला शर्मीला लड़का है जबकि अनामिका घमंडी और बहुत लाड़ में पली हुई लड़की है। उसके पिता मलेशिया के अरबपति हैं और यह किरदार राज बब्बर ने निभाया है।
राजा और अनामिका की मुलाकात मलेशिया में ही होती है जहां अनामिका नशा कर बेहोश हो जाती है। राजा उसकी मदद करता है। इसके बाद उनकी मुलाकातें बढ़ जाती हैं और राजा को अनामिका से मोहब्बत होने लगती है। क्या अमीर लड़की उसके प्यार को स्वीकार करेगी? क्या उसके अमीर पिता को यह मोहब्बत पचेगी?
यह फिल्म सिर्फ एक प्यार की दास्तान नहीं है बल्कि आज के युवाओं की जिंदगी की एक झलक है। देश की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा विदेशों में जाकर बस रहा है। उनकी अगली पीढ़ी और भी भारतीय संस्कृति से दूर होती जा रही है।
फिल्म की कहानी विदेशों में बसे आज के युवा भारतीयों को सही मायनों में दर्शाती है। उनकी संस्कृति की सोच, सोचने का तरीका और नजरिया भारत के युवाओं से बिल्कुल अलग है।
यह फिल्म सिर्फ युवाओं के लिए नहीं है बल्कि उनके लिए भी है जिन्होंने कभी अपने बच्चों को एक बेहतर जिंदगी देने के बारे में सोचा होगा और इसी वजह से वे विदेश जाकर बस गए। परंतु क्या वे सचमुच अपने बच्चों को ऐसी जिंदगी दे पा रहे हैं जिसकी उन्होंने कल्पना की थी?