कमीने

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बैनर : यूटीवी मोशन पिक्चर्स
निर्माता : रॉनी स्क्रूवाला
निर्देशन एवं संगीत : विशाल भारद्वाज
गीत : गुलजार
कलाकार : शाहिद कपूर, प्रियंका चोपड़ा, अमोल गुप्ते, देब मुखर्जी


‘मकबूल’ और ‘ओंकारा’ जैसी फिल्म बनाकर प्रशंसा बटोर चुके विशाल भारद्वाज ने जब अगली फिल्म का नाम ‘कमीने’ चुना तो ज्यादातर लोगों को यह पसंद नहीं आया। जब विशाल के गुरु गुलजार ने इसे उम्दा बताया तो विशाल ने तय कर लिया कि यही उनकी फिल्म का नाम होगा।

‘कमीने’ वे पहले सैफ अली खान के साथ बनाना चाहते थे, लेकिन सैफ ‘लव आज कल’ में व्यस्त थे। साथ ही विशाल को लगा कि सैफ की उम्र ‘कमीने’ के किरदार की उम्र से बहुत ज्यादा है। इसलिए कम उम्र के शाहिद कपूर को चुना गया। शाहिद के करियर के लिए यह फिल्म निर्णायक साबित हो सकती है। शाहिद के फिल्म में डबल रोल हैं।

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चार्ली (शाहिद कपूर) और गुड्डू (शाहिद कपूर) भाई हैं। चार्ली तुरंत अमीर बनना चाहता है। उनकी तरह जीना चाहता है। इसके लिए वह कुछ भी कर सकता है। आखिरकार वह एक दिन गली का गुंडा बन जाता है।

गुड्डू एक एनजीओ फर्म में ट्रेनी है। वह बेहद ईमानदार और मेहनती है। स्वीटी (प्रियंका चोपड़ा) ने उसका दिल चुरा लिया है। स्वीटी का पूरा नाम स्वीटी शेखर भोपे है। स्वीटी अपने भाई भोपे (अमोल गुप्ते) से बेहद डरती है, जो कि छोटा-मोटा गैंगस्टर है और खुद को गरीबों का मसीहा मानता है, लेकिन गुड्डू की बाँहों में जाते ही उसका चेहरा खिल जाता है।

चार्ली और गुड्डू हैं तो जुड़वाँ भाई, लेकिन एक-दूसरे बिलकुल अलग हैं। चार्ली तुतलाता है तो गुड्डू हकलाता है। वे एक-दूसरे को देखना भी पसंद नहीं करते। बरसात की एक रात चार्ली और गुड्डू की जिंदगी टकराती है।

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कम समय में अमीर होने के चक्कर में चार्ली बुरी तरह फँस जाता है और गुड्डू के सिर पर अनजाने में उसकी प्रेमिका स्वीटी ने इनाम घोषित कर दिया है। वे बंदूक, ड्रग्स और पैसों की दुनिया में गुम हो जाते हैं। उनका मुकाबला होता है गैंगस्टर्स, विद्रोही सैनिकों, भ्रष्ट राजनेताओं और पुलिस की वर्दी धारण किए हुए बदमाशों से।

इनसे मुकाबले करने के लिए न चाहते हुए भी दोनों भाइयों को साथ होना पड़ता है ताकि वे अपने साथ-साथ, अपने सपने और प्यार को भी बचा सके।

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