नॉटी एट 40

बैनर : सृष्टि क्रिएशन्स, प्रोमोडोम फिल्म्स
निर्माता : अनुज शर्मा
निर्देशक : जगमोहन मूँदड़ा
संगीत : मोंटी शर्मा
कलाकार : गोविंदा, युविका चौधरी, अनुपम खेर, शक्ति कपूर, संजय मिश्रा

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विदेश में रहने वाले भारतीय पहनावे के मामले में भले ही पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण करते हों, लेकिन बात जब पति-पत्नी के संबंधों, रिश्तों की अहमियत, शादी और सेक्स को लेकर हो तो वे भारतीय संस्कृति का अनुसरण करते हैं। वेस्टर्न कल्चर का तेज बहाव भी उन्हें इस मामले में साथ नहीं ले जा पाता। इसी को आधार बनाकर ‘नॉटी एट 40’ की कहानी लिखी गई है।

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लंदन में रहने वाले भारतीय लक्ष्मी नारायण कपूर उर्फ एल.एन. कपूर (अनुपम खेर) और उनकी पत्नी रमा (स्मिता जयकर) अपने बेटे हरविंदर जिसे प्यार से वे हैप्पी (गोविंदा) कहते हैं, की बढ़ती उम्र से चिंतित हैं। हैप्पी 40 वर्ष का हो गया है और अब तक कुँआरा है। उसके दोस्त भी उसका मजाक बनाते हैं क्योंकि वह अब तक ‘वर्जिन’ भी है। कई बार उसे लड़कियों के जाल में फँसाने की कोशिश हैप्पी के दोस्तों ने की है, लेकिन वह हर बार बच निकलता है। हैप्पी का मानना है कि वह विवाह के बाद ही अपनी पत्नी के साथ संबंध बनाएगा।

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बेटे की शादी के लिए हैप्पी को लेकर कपूर साहब भारत आते हैं। हैप्पी भी अपनी शादी को लेकर बहुत रोमांचित है। मनाली में रहने वाले उसके चतुर मामा (संजय मिश्रा) अपने दोस्त की लड़की गौरी (युविका चौधरी) से उसकी शादी करा देते हैं। गौरी बड़ी ही नटखट और अल्हड़ है। शादी, रोमांस और सेक्स संबंधों को लेकर वह बिलकुल भी गंभीर नहीं है। इससे नॉटी हैप्पी की खुशियों पर फुलस्टाप लग जाता है। उसने शादी करने के बाद जो सपने देखे थे वो पूरे नहीं हो पाते। आखिरकार किस तरह उसकी लव लाइफ सही पटरी पर आती है यह फिल्म में हल्के-फुल्के हास्य प्रसंगों के जरिये दिखाया गया है।

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निर्देशक के बारे में :
महिलाओं को केन्द्र में रखकर जगमोहन मूँदड़ा ने कमला (1985), बंवडर (2001), प्रोवोक्ड (2007) जैसी चर्चित फिल्में बनाई हैं। भले ही उनकी फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर सफलता नहीं मिली है, लेकिन मूँदड़ा लगातार फिल्में बना रहे हैं। ‘नॉटी एट 40’ के जरिये पहली बार मूँदड़ा ने हल्की-फुल्की फिल्म बनाई है ताकि व्यावसायिक दृष्टि से उनकी फिल्म सफल हो।

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