Buddha Purnima 2023: वैशाख माह की पूर्णिमा को विनायक पूर्णिमा भी कहते हैं। वैशाख पूर्णिमा पर धर्मराज की पूजा करने का विधान भी है। कूर्म जयंती भी है। श्री कृष्ण ने इसी दिन सुदामा को इसका महत्व बताया था और तब इस पूर्णिमा के व्रत के प्रभाव से सुदामा की सारी दरिद्रता दूर हुई थी। इस दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था इसलिए इस बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन दान-पुण्य और धर्म-कर्म के अनेक कार्य किए जाते हैं। आओ जानते हैं इस दिन के खास संयोग, तिथि और पूजा के शुभ मुहूर्त।
- इस दिन रात्रि 09:37 तक स्वाति नक्षत्र रहेगा इसके बाद विशाखा।
- इस दिन रात्रि 09:15 तक सिद्ध योग रहेगा।
- इस दिन मेष राशि में चार ग्रहों गुरु, सूर्य, बुध और राहु का संयोग रहेगा। मिथुन में मंगल शुक्र की युति और तुला के चंद्र केतु की युति रहेगी। शनिदेव कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे।
अभिजित मुहूर्त : दोपहर 12:10 से 01:01 तक।
विजय मुहूर्त : दोपहर 02:44 से 03:36 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 07:01 से 07:23 तक।