* इस मंत्र का जप बौद्ध धर्म की महायान शाखा में प्रमुख रूप से किया जाता है।
* यह मंत्र अक्सर प्रार्थना चक्र, स्तूपों की दीवार, धर्म स्थानों के पत्थरों, मणियों आदि में खुदा हुआ या चित्रित रूप में मिल जाता है।
* यह मंत्र अंगूठी या अन्य आभूषणों में भी मुद्रित रहता है।
* बताया जाता है कि जो कोई इस मंत्र को जपता है, वह सब खतरों से सुरक्षित हो जाता है।