कहते हैं कि भगवान बुद्ध ने एक वृक्ष के नीचे लेटकर अपने शिष्यों से पूछा कि अंतिम बार कुछ पूछना चाहते हो तो पूछें। अंत में भगवान बुद्ध ने कहा, 'हे भिक्षुओं, इस समय आज तुमसे इतना ही कहता हूंकि जितने भी संस्कार हैं, सब नाश होने वाले हैं, प्रमाद रहित हो कर अपना कल्याण करो। अप्प दीपो भव:। ऐसा कहते हुए देह को त्याग दिया। भगवान बुद्ध ने भिक्षुओं के आग्रह पर उन्हें वचन दिया था कि मैं 'मैत्रेय' से पुन: जन्म लूंगा। तब से अब तक 2500 साल से अधिक समय बीत गया।