सरकार ने समय पर बकाया चुकाने वाले किसानों को पाँच प्रतिशत की सब्सिडीशुदा दर पर कृषि ऋण देने की घोषणा की। यह ब्याज दर बाजार दरों से दो प्रतिशत कम है।
वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने 2010-11 का आम बजट पेश करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए ऋण आवंटन लक्ष्य को अगले वित्त वर्ष के लिए बढ़ाकर 3,75,000 करोड़ रुपए कर दिया गया है जो 2009- 10 में 3,25,000 करोड़ रु था।
उन्होंने कहा कि पिछले बजट में मैंने लघु अवधि के कृषि ऋण को समय पर चुकाने वाले किसानों को एक प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज सहायता दी थी। उन्होंने कहा कि मैं समय पर कृषि ऋण चुकाने पर इस सहायता को 2010-11 के लिए बढ़ाकर दो प्रतिशत करने का प्रस्ताव करता हूँ।
इस प्रकार इस तरह के किसानों के लिए प्रभावी ब्याज दर अब पाँच प्रतिशत सालाना रहेगी। किसान तीन लाख रुपए तक का लघु अवधि कृषि ऋण सात प्रतिशत की ब्याज दर से पाते हैं।
मुखर्जी ने 71,000 करोड़ रुपए की कृषि ऋण योजना को जून 2010 तक बढ़ाने की घोषणा की जो 31 दिसंबर 2009 को समाप्त हो गई थी। देश के चार करोड़ किसानों को इस योजना का लाभ मिलता है। (भाषा)