वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा में वर्ष 2010-11 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि देश में अप्रैल-दिसंबर 2009 के दौरान 20.9 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हुआ।
सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश व्यवस्था को सरल बनाने के लिए कई उपाय किए हैं ताकि यह विदेशी निवेशकों को आसानी से समझ में आ सके। पहली बार स्वामित्व एवं नियंत्रण को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति के मुख्य भाग के रूप में मान्यता दी गई है।
सरकार ने मूल्य निर्धारण एवं प्रौद्योगिकी अंतरण शुल्क, ट्रेड मार्क, ब्रांड नाम और रायल्टी का भुगतान पूरी तरह से उदार बनाने की पहल की है। इन भुगतानों को अब अनुमोदित मार्ग के तहत किया जा सकता है। (भाषा)