वर्ष 2011-12 के वार्षिक बजट में युवा मामलों एवं खेल मंत्रालय को 1121 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं जो पिछले साल से करीब एक तिहाई कम है। पिछले साल खेल मंत्रालय के लिए 3315.67 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था।
वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा में सोमवार को बजट पेश करते हुए 1000 करोड़ रुपए योजना परिव्यय के रूप में और 121 करोड़ रुपए गैरयोजना खाते में आवंटित किए हैं।
इस साल खेल मंत्रालय के धन आवंटन में कमी आना लाजिमी था क्योंकि पिछले दो साल से राष्ट्रमंडल खेलों की वजह से उन्हें ज्यादा धन आवंटित किया गया था। पिछले साल खेल मंत्रालय का बजट आवंटन 3315.67 करोड़ रुपए जबकि वर्ष 2009-10 में 3670-13 करोड़ रुपए था।
कुल राशि में से 688.67 करोड़ रुपए खेलों के लिए जबकि 311.39 करोड़ रुपए युवा कल्याण योजनाओं के लिए आवंटित किए गए हैं। उत्तर पूर्वी क्षेत्र और सिक्किम की लाभकारी योजनाओं सहित अन्य योजनाओं को 106 करोड़ रुपए मिलेंगे। जबकि 14.52 करोड़ रुपए सामजिक सेवा सचिवालय के मद में दिए गए हैं।
खेलों के मद में भारतीय खेल प्राधिकरण को सर्वाधिक 287 करोड़ रुपए दिए जाएँगे जबकि राष्ट्रीय खेल महासंघों के लिए 100 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। पिछले साल महासंघों के लिए 112 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। डोपिंग रोधी क्रियाकलापों के लिए 14.50 करोड़ रुपए दिए गए हैं जो पिछले साल से 50 लाख रुपए अधिक है। राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला को 12 करोड़ रुपए मिलेंगे और यह भी पिछले साल से 50 लाख रुपए ज्यादा है।
ग्वालियर के लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षण संस्थान को 24.63 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं जबकि छह करोड़ रुपए खिलाड़ियों को बतौर प्रोत्साहन दिए जाएँगे।
पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान के तहत कई योजनाओं को 205 करोड़ रुपए दिए जाएँगे जबकि शहरी खेल आधारभूत योजना के लिए 35 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
इस साल राष्ट्रीय खेल विकास कोष के लिए धन आवंटित नहीं किया गया है जबकि पिछले लगातार दो साल क्रमश: 15 करोड़ और 8.12 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। (भाषा)