सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए अगले वित्त वर्ष में राज्य सरकारों के सहयोग से खाद्य प्रसंस्करण पर राष्ट्रीय मिशन का शुक्रवार को प्रस्ताव किया।
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भारत दुनिया में काफी पिछड़ा है और उचित ढांचागत सुविधाओं के अभाव में हर साल देश में करीब 44,000 करोड़ रुपए मूल्य के फल व सब्जियां बर्बाद हो जाती हैं।
वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने 2012-13 के लिए बजट प्रस्तावों में कहा कि स्थानीय जरूरतों के मुताबिक बेहतर सहूलियत उपलब्ध कराने के लिए केन्द्र द्वारा प्रायोजित ‘खाद्य प्रसंस्करण पर राष्ट्रीय मिशन’ नाम से एक नयी योजना शुरू की जाएगी। अगले वित्त वर्ष के लिए इस क्षेत्र को 660 करोड़ रुपए का बजटीय आबंटन किया गया है जो 2011-12 में 600 करोड़ रुपए है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के सचिव राकेश कैकर ने बताया कि इस मिशन के तहत जहां, राज्य सरकारें व्यापक स्तर पर खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करेंगी, वहीं केन्द्र उन्हें प्रौद्योगिकी व लाजिस्टिक मदद उपलब्ध कराएगा। सचिव ने कहा कि केन्द्र राज्यों को प्रौद्योगिकी उन्नयन, कौशल विकास, प्रोत्साहन गतिविधियों और गैर बागवानी कोल्ड स्टोरेज की स्थापना में सहायता उपलब्ध कराएगा। (भाषा)