वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को लोकसभा में संप्रग सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा आम बजट कुछ इस अंदाज में पेश किया कि राजनीतिक दलों को उसका विरोध करने के लिए ज्यादा मौका नहीं मिला। बजट में कम लोकलुभावन घोषणाओं की वजह से सदस्यों द्वारा मेजे थपथपाने के मौके भी कम ही देखने को मिले।
मुखर्जी का करीब पौने दो घंटे का बजट भाषण लगभग शांतिपूर्ण रहा। वित्त मंत्री ने कुछ घोषणाएं बड़े रोचक अंदाज में की और शेक्सपियर को भी याद किया।
वित्त मंत्री को बजट भाषण की शुरुआत में ही ईपीएफ ब्याज दर में कल की गई कटौती के मुद्दे पर विपक्ष और खासकर वाम दलों के सदस्यों के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा। मुखर्जी जैसे ही वर्ष 2012-2013 का बजट पेश करने के लिए खड़े हुए विपक्षी सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर ईपीएफ व्याज दर के मुद्दे को लेकर विरोध जताने लगे। शोर इतना था कि कुछ सुनाई नहीं दे रहा था। हालांकि लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के हस्तक्षेप पर कुछ ही मिनट में माहौल शांत हो गया।
वित्त मंत्री को हंगामे के दौरान पढ़ी गई पंक्तियों को फिर से पढ़ना पड़ा। करीब आधे घंटे बाद सदस्यों ने हेडफोन बंद होने की शिकायत की और किसी सदस्य ने कहा कि 'रोलबैक ऑफ स्पीच' जिस पर मुखर्जी को कुछ पंक्तियां फिर से दोहरानी पड़ी।
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘रोल बैक आफ स्पीच’। इस पर संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत अनेक सदस्य मुस्कुराते देखे गए।
वित्त मंत्री ने बजट भाषण की शुरुआत में ही कड़े वित्तीय कदम उठाए जाने का संकेत बड़े ही नाटकीय अंदाज में दिया। उन्होंने कहा कि एक वित्त मंत्री की जिंदगी आसान नहीं होती। इस पर वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने भी मजाकिया लहजे में कहा कि कई बार वित्त मंत्री की जिंदगी हमारी जिंदगी को भी असहज बना देती हैं। सदस्य यह सुनकर हंसने लगे।
आयकर की सीमा का ऐलान करने से पहले मुखर्जी ने महान साहित्यकार शेक्सपियर को उद्धृत करते हुए कहा कि मुझे उदार होने के लिए निष्ठुर होना पड़ेगा। वित्त मंत्री ने 11 बजने से कुछ ही क्षण पहले सदन में प्रवेश किया और सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेजें थपथपा कर उनका स्वागत किया। मुखर्जी के एक ओर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और दूसरी ओर संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी बैठी थीं।
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम सोनिया गांधी के साथ वाली सीट पर बैठे थे। वह बड़े ध्यान से मुखर्जी का भाषण सुनते नजर आए। दो दिन पहले ही रेल बजट को लेकर विवादों में आए रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी सबसे अगली पंक्ति में गृह मंत्री पी चिदम्बरम के बगल में बैठे थे।
वित्त मंत्री की एक घोषणा से कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी तो इतने खुश हो गए कि उन्होंने दो बार अपनी सीट से उठकर ‘थंक्यू सर , थंक्यू सर’ कहा। पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और भाकपा नेता गुरुदास दासगुप्ता भाषण सुनने के साथ ही कुछ नोट्स भी लेते देखे गए।
उधर राहुल गांधी पार्टी के अपने युवा साथियों के साथ गंभीरता पूर्वक भाषण सुनते देखे गए। लोकसभा की दर्शक दीर्घाएं खचाखच भरी हुई थीं। स्पीकर गैलरी में वित्त मंत्री के पुत्र और परिवार के कुछ सदस्य बैठे हुए थे, जबकि राज्यसभा की दीर्घा में उच्च सदन के कई सदस्य मौजूद थे।
राज्यसभा की दीर्घा में सबसे अगली पंक्ति में द्रमुक सांसद कनिमोई बैठी थीं, जबकि विशिष्ट दर्शक दीर्घा में प्रसिद्ध उद्योगपति राहुल बजाज पूरी गंभीरता से वित्त मंत्री का बजट भाषण सुन रहे थे। (भाषा)