बजट 2012-13 की एक झलक

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बजट 2012-13 तत्कालीन वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा पेश किया गया था, जो अब देश के राष्ट्रपति हैं। पेश है बजट 2012 की एक झलक-

सस्ता- नमक, सोया उत्‍पाद सस्‍ते, एलईडी, एलसीडी, माचिस, एड्स, कैंसर की दवाएं। महंगे- गोल्‍ड, डायमंड, प्‍लेटिनम, सिगरेट, विमान का टिकट, फोन बिल, होटल में खाना-ठहरना, ब्युटी पार्लर जाना।

ड्‍यूटी बढ़ी, होम लोन पर ब्याज दर घटी : एक्‍साइज ड्यूटी भी दो प्रतिशत, सर्विस टैक्‍स में 2 प्रतिशत, लग्जरी कारों पर एक्साइज ड्युटी 24 प्रतिशत। 25 लाख से कम के होम लोन पर ब्याज दर 1 प्रतिशत कम। पीएफ पर घट सकती है ब्याज दर (वर्तमान दर 9.5 फीसदी)।

टैक्स : 10 लाख से अधिक आय पर 30 प्रतिशत टैक्स। 5 लाख से 10 लाख तक 20 प्रतिशत टैक्स। 2 लाख से 5 लाख तक 10 प्रतिशत टैक्स। आयकर के सभी स्लैब बदले। आयकर में छूट की सीमा 2 लाख।

बजट : शिक्षा के अधिकार के लिए 25 हजार 555 करोड़ रुपए। रक्षा बजट 1 लाख 93 हजार 407 करोड़ रुपए। शिक्षा ऋण के लिए अलग से फंड। गांवों में पानी और टॉयलेट के लिए 14 हजार करोड़।
मिड-डे मील के लिए 11937 करोड़ रुपए मंजूर। बिजली क्षेत्र के लिए 10 हजार करोड़ के टैक्स फ्री बांड। किसानों के लिए 5.75 लाख करोड़ का कर्ज देंगे। दूसरी हरित क्रांति के लिए 1 हजार करोड़।

नए प्रस्ताव : काले धन पर श्वेत पत्र लाया जाएगा। शिक्षा ऋण के लिए अलग से फंड बनेगा। एम्स की तर्ज पर 7 नए मेडिकल कॉलेज खुलेंगे। खाद्य सुरक्षा के लिए नया कानून जल्द। सस्ते मकान के लिए बिल्डर विदेशी कर्ज ले सकेंगे। किसान क्रेडिट कार्ड एटीम में भी इस्तेमाल हो सकेगा।

समय पर कर्ज चुकाने वाले किसानों को 3 प्रतिशत छूट जारी रहेगी। एयरलाइंस को वर्किंग कैपिटल के लिए विदेशी लोन मिल सकेगा। इक्विटी सेविंग स्कीम में तीन साल का लॉक पीरियड।

देश में 8800 किमी हाइवे का विस्तार। एविएशन फ्युल के सीधे आयात को मंजूरी। 60 हजार करोड़ के इंफ्रास्ट्रक्चर बांड जारी होंगे। सब्सिडी को जीडीपी के 2 प्रतिशत तक लेकर आएंगे।

राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम आरंभ होगी। शेयर बाजार में छोटे निवेशकों ( 50 हजार तक) के लिए नई स्कीम। सहकारी बैंको को सरकारी मदद। रिटेल में विदेशी निवेश पर सहमति बनाने का प्रयास। विनिवेश के जरिए 30 हजार करोड़ जुटाने का लक्ष्य।

जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) अगस्त 2012 से लागू किया जाएगा। कुछ वस्तुओं पर सब्सिडी अब गैर जरूरी है। एलपीजी और केरोसिन में सब्सिडी के नए तरीकों पर विचार। सब्सिडी घटाना सरकार की प्राथमिकता होगी। 5 क्षेत्रों पर ध्यान देने की जरूरत।

सब्सिडी की वजह से सरकारी घाटा बढ़ा। एशियाई देशों में आयात-निर्यात में बेहतर प्रदर्शन। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें बढ़ेंगी। पिछले दो साल के मुकाबले विकास दर कम। विकास दर 6.9 रहेगी। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष कई क्षेत्रों में मंदी का असर। भारत आर्थिक विकास में दूसरे देशों से आगे। दुनिया की आर्थिक स्थिति का असर भारत पर भ। (वेबदुनिया संदर्भ)

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