न्यायमूर्ति एमबी शाह (सेवानिवृत्त) की अगुवाई वाली एसआईटी ने कालेधन पर अंकुश के कदमों पर अपनी 5वीं रिपोर्ट जुलाई में उच्चतम न्यायालय को सौंपी थी। एसआईटी ने 3 लाख रुपए से अधिक के नकद लेन-देन को प्रतिबंधित करने का सुझाव देते हुए कहा था कि इस तरह के लेन-देन को गैरकानूनी तथा कानून के तहत दंडात्मक बनाने के लिए एक कानून बनाया जाना चाहिए। (भाषा)