वे छात्र जो सीधे डॉक्टरी के लिए चुन लिए जाते हैं उनकी तो बात ही निराली है परंतु जो इसमें विफल हो जाते हैं उनके लिए भी मेडिकल का क्षेत्र बंद नहीं होता है। वर्तमान समय में छोटी-छोटी बीमारियों को लेकर भी लोग इतने जागरूक हो गए हैं कि सीधे हॉस्पिटलों की ओर दौड़ लगाते हैं।
छोटे से लेकर बड़े-बड़े रोगों के प्रति लोगों में सजगता बहुत बढ़ गई है। इसी के कारण विद्यार्थियों का कॅरिअर संबंधी रुझान मेडिकल साइंस की तरफ बढ़ रहा है और इसमें नए करियर विकल्प भी उभरकर सामने आ रहे हैं। मेडिकल के क्षेत्र में ऑपरेशन थियेटर टेक्नीशियन के रूप में उज्ज्वल कॅरिअर बनाया जा सकता है। ऑपरेशन थियेटरटेक्नीशियन का काम कम महत्वपूर्णनहीं है।
इसमें ऑपरेशन टूल्स से लेकर ऑपरेशन थियेटर की हाइजीनिक सफाई तक का विशेष ध्यान रखना शामिल है। ऑपरेशन थियेटर टेक्नीशियन धैर्यपूर्वक डॉक्टरों की मदद करता है। वह इस बात का पूरा ध्यान रखता है कि ऑपरेशन थियेटर पूर्णरूप से बेक्टीरिया तथा वायरस से मुक्त हो।
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ऑपरेशन थियेटरकी समय-समय पर तकनीकी रूप से सफाई करवाने का जिम्मा भी ऑपरेशन थियेटर टेक्नीशियन का ही होता है। वह ऑपरेशन थियेटर तैयार करने से लेकर सेक्शन मशीन, ऑक्सीजन सिलेंडर, नाइटे्रस सिलेंडर आदि भी चेक करता है।
ऑपरेशन थियेटर टेक्नीशियन के तीन वर्षीय कोर्स के अंतर्गत एनॉटोमी, फिजियोलॉजी, बायो केमिस्ट्री, क्लीनिकल बायो केमिस्ट्री, माइक्रो बायोलॉजी, पैरास्ट्रोलॉजी, सेरालॉजी विरोलॉजी, क्लीनिकल पैथोलॉजी, हैमेटोलॉजी और ब्लड बैंकिंग मैनेजमेंट, हिस्टो पैथोलॉजी, ऑपरेशन थियेटर मैनेजमेंट एंड एथिस, ऑपरेशन थियेटर प्लानिंग एंड ऑर्गेनाइजिंग, कम्युनिकेशन, पर्सनल डेवलपमेंट एंड रिलेशन आदि का गहनता से अध्ययन कराया जाता है।
कुछ अस्पतालों में चयन के बाद प्रशिक्षण के दौरान ही छात्रों को संस्थान की ओर से ही कुछ धनराशि प्रदान की जाने लगती है। सरकारी व देश में तेजी से बढ़ते निजी अस्पतालों में ऑपरेशन थियेटर टेक्नीशियन के लिए रोजगार के बहुत उजले अवसर हैं।