रसायन विज्ञान एवं सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित होने के कारण केमोइन्फॉर्मेटिक्स के पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के लिए छात्रों को रसायन विज्ञान में कम से कम बी.एससी. उत्तीर्ण होना चाहिए तभी केमोइन्फॉर्मेटिक्स के एम.एससी. पाठ्यक्रम में दाखिला लिया जा सकता है। केमोइन्फॉर्मेटिक्स में एम.एससी. दो वर्षीय पाठ्यक्रम है जिसके उपरांत रिसर्च एवं एकेडमिक फील्ड में जाने का मार्ग खुलता है। देश के बहुत सारे संस्थान स्नातक के पश्चात एकवर्षीय डिप्लोमा एवं पीजी डिप्लोमा जैसे पाठ्यक्रम भी करवाते हैं जिसकी अवधि एक से लेकर डेढ़ वर्ष तक होती है।
केमोइन्फॉर्मेटिक्स में एम.एससी. के अंतर्गत विशेष रूप से डाटा बेस प्रोग्रामिंग, वेब टेक्नोलॉजी, डाटा माइनिंग, डाटा कलेक्शन, सैंपलिंग एवं कंप्यूटर द्वारा ड्रग डिजाइनिंग आदि कार्य शामिल हैं। पाठ्यक्रम के दौरान छात्रों को कई तरह के प्रायोगिक प्रशिक्षण एवं प्रबंधन संबंधी कार्य कराए जाते हैं जबकि पीएचडी जैसे कई पाठ्यक्रमों के अंतर्गत रिसर्च वर्क में ड्रग की खोज, डिजाइन एवं उसकी कंपोजिशन का अध्ययन कराया जाता है। वैसे भी केमिस्ट्री की निर्भरता दिन-प्रतिदिन कंप्यूटर पर बढ़ती ही जा रही है।
केमोइन्फॉर्मेटिक्स के क्षेत्र में चमकीला एवं आकर्षक करियर बनाने की इच्छा रखने वाले छात्रों में रसायनशास्त्र के प्रति गहरी रुचि, कंप्यूटर स्किल तथा रिसर्च वर्क के प्रति उत्साह होना आवश्यक है। छात्रा में सूचना प्रौद्योगिकी विषय की भी अच्छी समझ होनी आवश्यक है। इसके साथ ही उसमें अपने विषय की अच्छी तरह से व्याख्या करने का गुण भी होना चाहिए। पिछले कुछ वर्षों में केमोइन्फॉर्मेटिक्स के क्षेत्र में संभावनाएँ काफी तेजी से बढ़ी हैं।
खासतौर पर फार्मास्यूटिकल, एग्रोकेमिकल एवं बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में प्रशिक्षित लोगों की भारी कमी महसूस की जा रही है। केमोइन्फॉर्मेटिक्स में एम.एससी. करने वाले छात्रा प्रारंभ में रसायन सूचना वैज्ञानिक, कम्यूशनल केमिस्ट, केमिकल डाटा साइंटिस्ट, सीनियर इन्फॉर्मेशन एनालिस्ट, इन्फॉर्मेशन ऑफिसर, डाटा ऑफिसर, सॉफ्टवेयर टेस्टर, सपोर्ट एनालिस्ट, बिजनेस एनालिस्ट के रूप में आकर्षक करियर आरंभ कर सकते हैं।
करियर के अवसरों को देखते हुए फार्मास्यूटिकल, केमिकल इंडस्ट्री, आईटी, कंप्यूटर साफ्टवेयर सेंटर, हॉस्पिटल, हेल्थ केयर और शोध के क्षेत्र में भी उजले अवसरों की कोई कमी नहीं है। ऐसे में केमोइन्फॉर्मेटिक्स में संभावनाओं एवं विस्तार को देखते हुए आने वाले इस क्षेत्र में आमदानी भी भरपूर होती है। प्रारंभ में प्रोफेशनल्स को 10 से 15 हजार रुपए प्रतिमाहआसानी से मिल जाते हैं जबकि अनुभव में वृद्धि होने पर 25 से 35 हजार रुपए प्रतिमाह मिल सकते हैं। इसके अलावा फ्रीलांसिंग में प्रतिदिन या पैकेज के हिसाब से पेमेंट दिया जाता है।
केमोइन्फॉर्मेटिक्स में स्नातकोत्तर, डिप्लोमा या पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम करने के बाद सरकारी एवं गैरसरकारी कंपनियों में रोजगार के ढेरों अवसर हैं।
कहाँ से करें कोर्स
1. इंस्टिट्यूट ऑफ केमोइन्फॉर्मेटिक्स स्टडीज, नोयडा