निमिषा प्रिया को बचाने के लिए क्या कर रही है भारत सरकार, विदेश मंत्रालय ने दी पूरी जानकारी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

गुरुवार, 17 जुलाई 2025 (17:28 IST)
Nimisha Priya case of Yemen: भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के मामले को सुलझाने के लिए यमन के स्थानीय अधिकारियों के साथ-साथ कुछ मित्र देशों के संपर्क में है। निमिषा प्रिया को हत्या के एक मामले में मौत की सुजा सुनाई गई है। उसे 16 जुलाई को मौत की सजा दी जानी थी, लेकिन इसे टाल दिया गया है।
 
नियमित रूप से मिल रहे दूतावास अधिकारी : विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal) ने कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है और भारत सरकार इस मामले में हरसंभव सहायता कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने कानूनी सहायता प्रदान की है और परिवार की सहायता के लिए एक वकील नियुक्त किया है। हमने नियमित रूप से दूतावास अधिकारियों की (प्रिया से) मुलाकात की भी व्यवस्था की है और हम इस मुद्दे को सुलझाने के लिए स्थानीय अधिकारियों और परिवार के सदस्यों के साथ लगातार संपर्क में हैं। ALSO READ: निमिषा प्रिया की उम्मीदें फिर टूटने लगीं, माफी को लेकर क्या बोला तलाल का परिवार
 
जायसवाल ने कहा कि इसमें हाल के दिनों में प्रिया के परिवार को दूसरे पक्ष के साथ पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान तक पहुंचने के लिए अधिक समय देने के लिए किए गए ठोस प्रयास भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हम मामले पर लगातार नजर रख रहे हैं और हरसंभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। हम कुछ मित्र देशों के सरकारों के संपर्क में भी हैं।
 
क्या बोला तलाल का भाई : निमिषा प्रिया के बेहोशी के इंजेक्शन से मारे गए तलाल के भाई अब्देल फत्ताह मेहदी ने कहा कि उनका परिवार ब्लड मनी स्वीकार नहीं करेगा। इस अपराध के लिए कोई माफी नहीं हो सकती। अब्देल फत्ताह ने कहा- खून खरीद नहीं सकते, निमिषा को सजा-ए मौत हो, अल्लाह हमारे साथ है। दरअसल, निमिषा के लिए सबसे बड़ी उम्मीद तलाल का परिवार ही था। यदि वह ब्लड मनी स्वीकार कर लेता तो निमिषा आसानी से बच जाती। ALSO READ: यमन में फांसी की क्रूर सजा से कांप उठेगा दिल, केरल की नर्स निमिषा प्रिय को 16 जुलाई को दी जाएगी मौत की सजा
 
कैसे टली थी फांसी : निमिषा प्रिया की फांसी टलने के पीछे ग्रैंड मुफ्ती ऑफ इंडिया शेख अबूबकर अहमद मुसलियार की कोशिशों को माना जा रहा है। मुसलियार ने इस मामले में यमन के सूफी धार्मिक नेताओं और विद्वानों से संपर्क किया और उनसे मृतक महदी के परिवार से बातचीत करने का आग्रह किया था। उन्होंने यमनी विद्वानों को मानवीय पहलू को समझाने का प्रयास भी किया और फांसी को अस्थायी रूप से स्थगित करने का अनुरोध किया था, जिस पर यमनी प्रशासन ने विचार किया और फांसी पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी। 
 
क्या कहना था निमिषा का : निमिषा का आरोप था कि मेहदी ने उन्हें मानसिक, शारीरिक और वित्तीय रूप से प्रताड़ित किया, उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया और नकली विवाह प्रमाण पत्र भी बनवाए। इस सबसे तंग आकर जुलाई 2017 में निमिषा ने कथित तौर पर महदी को बेहोशी की दवा दी, जिसके ओवरडोज से उसकी मौत हो गई। निमिषा के पहली बार 2020 में मौत की सजा सुनाई गई और 2023 में उनकी अंतिम अपील भी खारिज कर दी गई। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

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