इन्होंने यूट्यूब और गूगल से सीखकर डेवलप की फोटोग्राफी स्किल्स। वे कहते हैं कि प्रैक्टिस से ही आप सीख सकते हैं और आपको खुद के सिवा कोई दूसरा नहीं सिखा सकता। इनका मानना है कि कैमरा उतना मायने नहीं रखता जितना कि विज़न यानी नज़रिया मायने रखता है। इसलिए जितना हो सके, उतने पिक्चर्स क्लिक करें।
ज़रूरी नहीं है कि आपका फैमिली बैकग्राउंड उस फील्ड से रिलेटेड हो। फैज़ अहमद की फैमिली भी इस फील्ड से ताल्लुक नहीं रखती। इनके पापा बिज़नेसमैन और मां हाउसवाइफ हैं। फैज़ ने अपने पापा के साथ काम न करने के लिए स्कूल के बाद जॉब को अपना बहाना बनाया और कॉलेज के साथ फोटोग्राफी में दिलचस्पी दिखाई। फैज़ की मानें तो उन्होंने कभी कुछ करने का सोचा ही नहीं, वे सिर्फ करते रहे।