संगीत और गायकी के रियलिटी शो सारेगामा और इंडियन आइडल से जुड़े रहे सोनू निगम हिंदी फिल्मों के जानेमाने गायक कलाकार हैं। उनके कई गाने सुपरहिट हुए हैं। हाल ही में उन्होंने संगीत के जो तीन एलबम प्रस्तुत किए थे उससे वे खासे चर्चा में रहे हैं। इन्हीं सब बातों को लेकर वेबदुनिया के भीका शर्मा ने उनसे मुलाकात की।
प्रश्न : क्या आपने कभी म्यूजिक को लेकर कोई बुक लिखकर संगीत को आगे बढ़ाने का सोचा? सोनू निगम : अवश्य, मैं इस बारे में काफी सोचता हूँ पर मुझे लगता है कि यह सही वक्त नहीं है। इस समय मैं जिस कर्मयोग से गुजर रहा हूँ, मैं इतना बैठकर किताब लिख नहीं पाऊँगा। इसके लिए बहुत ज्यादा वक्त चाहिए और मैं कई चीजों में एक साथ जी रहा हूँ। मेरा डेढ़ साल का बेटा है। मैं अभी ऐसी किसी भी और चीज में अपना समय नहीं बिता सकता जो मेरे बेटे से मेरा समय छीन ले।
प्रश्न : बीच में खबरें आई थीं कि आप गाना थोड़ा कम कर देंगे। क्या यह सच है? सोनू निगम : मैंने कम किया था। आपने देखा होगा कि दो-ढाई सालों से मैंने अपना अधिकांश समय अमेरिका में बिताया, मेरा बेटा अमेरिका में पैदा हुआ, मैंने वर्ल्ड वाइड टूर बहुत ज्यादा किए। अभी साल भर से मैं भारत में हूँ इसीलिए आपने राज में और रब ने बना दी जोड़ी में मेरा गाना सुना। अभी कुछ और गाने आ रहे हैं, पर मैं अभी थोड़ा कम ही गा रहा हूँ।
प्रश्न : अभी जो एलबम आपने तलतजी के साथ किया है उसके बारे में कुछ बताएँगे? सोनू निगम : तलतजी के साथ मैंने अभी एक गजल एलबम की है। उसमें मेरी सिर्फ एक ही गजल है। तलतजी मेरे बहुत ही प्रिय गायक हैं और प्रिय व्यक्ति हैं। सेलीब्रिटी होने से ज्यादा एक अच्छा इनसान होना बहुत आवश्यक है। तलतजी भी बहुत ही अच्छे इनसान हैं। मैं हमेशा कोशिश करता हूँ कि जितने भी अच्छे लोग हैं उनके साथ मुझको खड़ा होना चाहिए क्योंकि अमूमन जो लोग बहुत ही बेनिफिटी होते हैं वे लोग आगे बढ़ जाते हैं और सीधे लोग पीछे रह जाते हैं। सीधे लोगों का साथ वे देते नहीं। पर जब सीधे लोग दिखें, अच्छे दिखें और अचीवर्स दिखें तो उनके साथ खड़ा होना चाहिए।
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प्रश्न : देश और संगीत के विकास के लिए आप कोई ऐसा काम करना चाहते हैं जिससे समाज का भला भी हो जाए और संगीत का भी? सोनू निगम : देखिए संगीत के लिए तो मैं निरंतर जुटा ही रहता हूँ। मैंने एक बार सिंगर यूनियन बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन वह नहीं बन पाई क्योंकि सिंगर्स में आपस में कुछ मनमुटाव था। अभी भी अगर आप देखें तो पिछले साल मैंने प्राइवेट एलबम में क्लासिकली माइल, रफी री सरेक्टेड और महा कनेक्शन ये तीनों एलबम बनाए। संगीत में मैं इंडिपेंडेंट म्यूजिक के बहुत पक्ष में हूँ। जिस स्तर पर हॉकी साइड लाइन है उसी तरह इंडिपेंडेंट म्यूजिक भारत की साइड लाइन है। भारत में म्यूजिक सिर्फ एक साइड लाइन फ्रेटिलिटी है।
म्यूजिक सिनेमा का हिस्सा है इसलिए बॉलीवुड के माध्यम से पहली प्राथमिकता एक्टर और एक्ट्रेस को मिलती है, जबकि भारत के बाहर दूसरे देशों में गायक-गायिका, अभिनेता- अभिनेत्री और खिलाड़ी सब बराबर होते हैं, कोई कम-ज्यादा नहीं होता। अगर वे लोग बेसबॉल देखते हैं तो शॉकर भी देखते हैं, बास्केटबॉल भी देखते हैं, ऐसा नहीं कि सिर्फ क्रिकेट ही देखते हैं। टेबल टेनिस हमारा छूट गया, बैडमिंटन छूट गया, किसी को पता नहीं गोपीचंद फुलेरा कौन हैं, हॉकी में हमारा कैप्टन कौन है। किसी को कुछ पता नहीं। उसी तरह म्यूजिक भी एक साइड लाइन फ्रेटिलिटी है?
प्रश्न : रियलिटी शो से निकलने वाले नवोदित गायक-गायिकाओं के लिए म्यूजिक एलबम में कितनी संभावना है और क्या आप महसूस करते हैं इस नए बदलाव को? सोनू निगम : देखिए आहिस्ता-आहिस्ता बदलाव होता है। आज के जमाने में जो प्राइवेट एलबम नहीं चलते, मैंने पिछले साल तीन एलबम निकाले, मेरे पिताजी की पाँच साल में चौथी एलबम निकली वह चल रही हैं। अगर किसी चीज को अच्छी तरह प्रस्तुत किया जाए, तो सफलता अवश्य मिलती है। इसके लिए की मन लगाना पड़ता है। जैसे माँ अपने एक ही बच्चे को प्यार दे तो ऐसा नहीं चलेगा, सब बच्चों को प्यार देना चाहिए। सभी तरह के म्यूजिक को प्यार देना चाहिए। चाहे वह फिल्मी संगीत हो, गजल हो, भजन हो, कव्वाली हो या सूफी संगीत हो सबके साथ एक जैसा व्यवहार करना ही संगीत को आगे बढ़ा सकता है।