हर घर तिरंगा.. हर मन तिरंगा...

भारत माता की जय!
हर घर तिरंगा.. हर मन तिरंगा...
कितनी सुंदर पंक्तियां हैं, हैं ना!
आजकल हमारे शहर‌ में ये धुन रोज़ सुनाई दे रही है। 
स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं।
हर घर पर‌ तिरंगा लहराएगा! हर किसी के मन में तिरंगे के प्रति अभिमान होगा! हमारे भारत देश के प्रति अभिमान होगा! देशभक्ति एक भावना है जो हर भारतीय के मन में जागृत है। एक ऐसी मशाल है, जो हर भारतवासी के मन में अखंड रूप से जल रही है! 
 
अब कुछ लोग ऐसे भी होंगे, जो यह भी कहेंगे कि केवल 15 अगस्त के दिन ही भारतीयों के मन में देशभक्ति का सागर हिलोरें भरता है। बस उसी दिन सबको देश की याद आती है! और दिखावा तो ऐसा कि बस पूछिए मत! तिरंगे के साथ सेल्फी, सोशल मीडिया पर फोटो.. 15 अगस्त के दिन तो देशभक्ति की बाढ़ ही आ जाती है!
 
लेकिन बताइए भला, कि दिवाली के दिन यदि दीए जला दिए तो क्या साल के बाकी दिनों में दीए की रोशनी कम हो जाती है?
होली के दिन रंग-गुलाल बिखेर दिया तो क्या रोज़ की ज़िंदगी में रंग फीके पड़ जाते हैं?
नहीं ना? ठीक वैसे ही देशभक्ति एक भावना है, और यह भावना हम सभी भारतीयों की नस-नस में दौड़ती है। हमारा मन उस भावना से सराबोर है।
 
उसे किसी परिभाषा में या अर्थ में बांधना असंभव है।
बिल्कुल छोटी-छोटी बातों में और देश की मिट्टी के कण-कण में और हर मन में वह भावना समाई हुई है और उस भावना को सिद्ध करने की कतई आवश्यकता नहीं है।
 
मैं तो कहती हूं, कंप्यूटर पर काम करते हुए भी यदि किसी के दिमाग में यह ख़याल आए कि काश आज का मैच भारत जीत जाए, तो वह देशभक्त है। 
नौकरी के लिए परदेस में रहते हुए यदि कोई अपने भारतीय साथियों की ओर मदद का हाथ बढ़ाए, और मुसीबत में उनके काम आए तो वह देशभक्त है। 
 
विदेश में रहकर भी यदि कोई बॉलीवुड की फिल्में देखने जाए तो वह देशभक्त है!
वार-त्योहार पर गर्व के साथ भारतीय परिधान पहनकर 
अपने संस्कारों को सहेजने वाले भी देशभक्त हैं।
 
स्वाद ले-लेकर भारतीय व्यंजन बनाने वाले, खाने और खिलाने वाले भी देशभक्त हैं। 
हिन्दी व प्रांतीय साहित्य पढ़ने वाले, लिखने वाले और उसे सहेजने वाले भी देशभक्त हैं।
भारतीय चित्रकला, संगीत, गायन-वादन, नृत्य व अन्य कलाओं का आदर करने वाला, उसे सीखने व सिखाने वाला हर कलाकार देशभक्त है।
रसोईघर में काम करते हुए कान में हैडफोन लगाकर भारतीय संगीत सुनने वाला भी देशभक्त है।
 
तिरंगा देखकर यदि किसी के रौंगटे खड़े हो जाएं और आंखें छलक पड़े तो वह भी देशभक्त है।
जनगणमन गाते हुए यदि किसी का मन गर्व से भर जाए तो वह भी देशभक्त है।
बल्कि मैं तो यह कहूंगी कि सर्दी की रातों में अपनी गर्म रजाई में यदि किसी का मन यह सोचकर बेचैन है कि वह कैसे खड़ा होगा सरहद पर इतनी ठंड में! तो ऐसा सोचने वाला भी देशभक्त है।
 
क्योंकि हमारा देश केवल एक भूखंड नहीं है वह तो संस्कार, संस्कृति, भाषा, कला, गीत-संगीत का एक जीता-जागता उदाहरण है! 
भारत के पहनावे को, व्यंजनों को, कला, संस्कृति, साहित्य को, नाते-रिश्तों को सहेजने वाला और उन्हें जी-भरकर चाहने वाला हर भारतीय देशभक्त है।
 
तो किसी भी तरह का संशय, संभ्रम या शंका मन में ना रखें, दिल से आजादी का ज़श्न मनाएं, तिरंगे के साथ सेल्फी लें, सोशल मीडिया पर अपलोड भी करें, जोश में देशभक्ति के गीत गाएं...
और हां, कल‌ दिन में एक बार पूरे जोश-ओ-ख़रोश के साथ जोर से नारा लगाएं...
भारत माता की जय!
जय हिंद! 
जय भारत! 
- ऋचा दीपक कर्पे

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