क्या कहते हैं नरेन्द्र मोदी के चुनावी सितारे

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लोकसभा चुनाव के लिए 7 अप्रैल से आरंभ हुए मतदान समाप्त हो गए है। 7 अप्रैल को गुरु-चन्द्र साथ होने से गजकेसरी योग बना था।

मोदी की प्रचलित चन्द्र कुंडली वृश्चिक लग्न की है और राशि भी वृश्चिक ही है। राशि स्वामी मंगल लग्न में ही है। स्वराशिस्थ मंगल रुचक योग बनाता है।


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यदि मंगल लग्न में होकर स्वराशि का हो तो ऐसा जातक साहसी और अपने बल पर सफलता की सीढ़ी चढ़ने वाला होता है। चुनाव के समय गुरु मिथुन का होकर उच्चाभिलाषी और चन्द्र के साथ होगा, अत: गजकेसरी योग बनेगा।

नरेन्द्र मोदी के जन्म समय से गुरु-चन्द्र का भ्रमण अष्टम भाव से है अत: सफलता तो देगा, लेकिन परिश्रम भी अधिक करना पड़ेगा।

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मंगल अष्टम दृष्टि से गुरु व चन्द्र को देख रहा है। 7 अप्रैल को लग्नेश मंगल के देखने से मोदी का परिश्रम फलदायी होगा। लग्न से दशम भाव का स्वामी सूर्य लाभ भाव एकादश में है, वहीं सूर्य गोचर में पंचम भाव से भ्रमण करेगा, इस सुंदर योग से मोदी अपनी बुद्धि-कौशल का उपयोग कर पाएगें।

चुनावी समर में सत्ता के करीब आ सकते हैं। लेकिन लग्न में गुरु के वक्री होने से सत्ता के लिए और अधिक समर्थन जुटाना होगा।

मोदी के जन्म के समय शनि जहां दशम भाव में सूर्य की राशि में है, वहीं शनि-सूर्य का दृष्टि संबंध न होने से शनि का दुष्प्रभाव नहीं है अत: सत्ता तक पहुंचने में कामयाबी मिल सकती है।

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