गीता के उपदेश में श्रीकृष्ण ने यह बात कही थी। उनका जन्म ही पृथ्वी पर धर्म की रक्षा और अधर्म का नाश करने के लिए हुआ था। लेकिन जीवनकाल में श्रीकृष्ण के चरित्र में पराक्रम के साथ प्रेम और विभिन्न प्रकार की अदभुत कलाएं देखने को मिली। आखिर उनमें ये गुण आए कहां से? उनकी जन्मपत्रिका में आखिर कौन से विलक्षण सितारे थे?
उच्च के चन्द्रमा के कारण वे चतुर, चौकस, चमत्कारी, अत्यंत तेजस्वी, दिव्य और अनेक विलक्षण विद्याओं के जानकार रहे।