व्ययेश व पराक्रमेश गुरु आय भाव एकादश में सम राशि मंगल की वृश्चिक में होने से भारत सरकार अपने पराक्रम के बल पर विदेशों से धन लाने में सक्षम होगी। एकादशेश व सुखेश का मंगल सम राशि का होकर व तृतीय भाव में होने से पराक्रम में वृद्धिकारक होकर प्रबल रूप से शत्रुओं के प्रभाव को नष्ट करने में भारत देश सक्षम होगा। पंचम व दशम भाव का स्वामी आय एकादश भाव में होने से विद्यार्थी वर्ग लाभान्वित होंगे।
नौकरी के क्षेत्र में युवा वर्ग को सफलता के साथ लाभ रहेगा। व्यापारी वर्ग के लिए कोई खुशखबर का समाचार मिल सकता है। भाग्य व राशि स्वामी षष्टेश होकर लग्न में सूर्य अष्टमेश के साथ केतु होने से वर्तमान सरकार को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। भारत में व्यवसायियों की स्थिति मिली-जुली रहेगी। उनके लिए कुछ योजनाएं साकार रूप ले सकती हैं।