Chandrayaan-3: पूरा हुआ ‘साइकिल से चांद तक’ भारत का सफर

नवीन रांगियाल
यह अविस्मरणीय क्षण है। गौरव से भरा वर्तमान। हर भारतीय को गौरान्‍वित करने वाला पल। भावुक करने वाला क्षण। चीख-चीखकर जय हिंद का जयकारा लगाने वाला क्षण। हो भी क्‍यों नहीं। जो कोई नहीं कर पाया, वो भारत ने कर दिखाया। दुनिया के करीब 195 देशों में भारत उन चार देशों में शामिल हो गया है, जिसने चांद पर कदम रखा। भारत की ये उपलब्‍धि इसलिए भी अलग है क्‍योंकि इसरो के लाल ने अपनी जिद और जज्‍बे से चांद के उस हिस्‍से में अपनी उपस्‍थिति दर्ज करवाई है, जिसे साउथर्न पोल यानि दक्षिणी ध्रुव कहा जाता है, जहां दूसरा कोई देश नहीं पहुंच सका है। यहां तक कि द ग्रेट ब्रिटेन भी यह कारनामा नहीं कर सका।

साइकिल से चांद तक : भारत वो देश है जिसने किसी दिन साइकिल पर रॉकेट रखकर इस सफर की शुरुआत की थी, आज यह सफर चांद पर पहुंचकर पूरा हुआ। भारत का एक साझा सपना साकार हुआ। भारत के एक अरब 40 करोड नागरिकों का सामुहिक सपना साकार हुआ। 23 अगस्‍त 2023 की ये तारीख उस भारत की गौरव गाथा बनकर उस वक्‍त दर्ज हो गई, जिस वक्‍त देश का चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर चांद की सतह पर लैंड हुआ और भारत की धरती तालियों और जय हिंद, जय भारत की ध्वनि से गूंज उठा।
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