Chandrayaan-3: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) द्वारा चांद पर भेजे गए चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के लैंडर और रोवर मॉड्यूल को एक बार फिर से सक्रिय करने की तैयारी की जा रही है। वैसे इस बात की आशा कम है कि लैंडर और रोवर दुबारा से काम कर पाएंगे, क्योंकि लैंडर और रोवर स्लीप मोड (sleep mode) पर जा चुके हैं। अगर ये स्लीप मोड से जागे भी और दुबारा काम करने लगे तो इसरो के लिए खुशी का बात होगी।
चांद पर बुधवार का दिन काफी ठंडा रहा है और अब वहां सुबह होने लगी है इसलिए अब दिन चढ़ने और सूरज की रोशनी तेज होने के साथ लैंडर और रोवर को जगाने की कोशिश की जाएगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक इसरो के एक अधिकारी ने कहा है कि ग्राउंड स्टेशन अधिकतम धूप उपलब्ध होने के बाद गुरुवार या शुक्रवार को लैंडर, रोवर मॉड्यूल और ऑन-बोर्ड उपकरणों को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जाएगा लेकिन इनके दुबारा से काम करने की संभावना बहुत अधिक नहीं है और यह कोई निराशाजनक स्थिति भी नहीं है। यह भी संभव है कि लैंडर या रोवर मॉड्यूल स्लीप मोड से उठ जाए लेकिन पूरी तरह से कार्यक्षमता हासिल करने में असमर्थ हो।
चांद पर जाने के बाद विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने धरती पर वैज्ञानिकों को कई अहम डेटा भेजे हैं। इन डेटा के आधार पर चांद से जुड़ी कई जानकारियां सामने आई हैं। इसरो ने बताया था कि प्रज्ञान रोवर ने 100 मीटर की दूरी तय कर ली है। रोवर को यह दूरी तय करने में करीब 10 दिन लगे थे। इसरो ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लैंडर और रोवर के बीच की दूरी का ग्राफ भी शेयर किया था। 6 पहियों वाले रोवर का वजन 26 किलो है।