मायावती-जोगी के गठजोड़ से कांग्रेस को नुकसान : रमन सिंह
सोमवार, 24 सितम्बर 2018 (16:02 IST)
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने स्वीकार किया है कि राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की छत्तीसगढ़ जन कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के गठजोड़ से आगामी विधानसभा चुनावों में तीसरी ताकत के रूप में उभरने की संभावना है, जिसका नुकसान कांग्रेस को अधिक होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुश्री मायावती और जोगी की पार्टी की तीसरी शक्ति के रूप में चुनाव लड़ने से भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों के वोट कटेंगे, लेकिन ज़्यादा नुकसान कांग्रेस को होगा। उन्होंने जोगी को राज्य का बड़ा नेता बताया और कहा कि उनका एक बड़ा जनाधार भी है।
कांग्रेस द्वारा जोगी-मायावती के गठजोड़ को भाजपा की 'बी' टीम बताए जाने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि हताशा और कुंठा में ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं, क्योंकि भाजपा इस चुनाव में पिछले तीन चुनावों की तुलना में अधिक सीटों पर विजयी होने जा रही है। चुनाव जीतने और डेढ़ दशक के सत्ता विरोधी रुझान से निपटने की रणनीति की चर्चा करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से 65 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं और 25 क्षेत्रों का दौरा करना है।
इससे अहसास हो रहा है कि इस बार पहले से बड़ी जीत होने जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों की विकास एवं जन कल्याण की योजनाओं के लाभ सुनिश्चित करने के साथ ही गांव-गांव जाकर लोगों की समस्याएं सुनना, उनका निराकरण करना, यह अभियान हर साल चलता है जिससे जनता से सीधा संवाद होता है।
उन्होंने कहा कि राज्य में कोई बड़ा सत्ता विरोधी रुझान नहीं है, पर स्थानीय स्तर पर छोटी-मोटी दिक्कतें हैं। स्कूल, बिजली, पटवारी, तहसीलदार, पंचायत स्तर की समस्याओं का वह उसी स्थान पर समाधान कर देते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता बूथ स्तर पर सक्रियता से जुट गए हैं। सरकारी योजनाओं के 32 लाख लाभार्थियों के घर-घर जाकर उनसे प्रतिक्रिया प्राप्त की जा रही है।
'फ्लोटिंग वोटों' को भाजपा के पक्ष में करने का प्रयास किया जा रहा है। राज्य में अटल विकास यात्रा चल रही है। राज्य की नई राजधानी का नाम अटल नगर किए जाने के साथ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के स्मारक के निर्माण में लोगों का सहयोग लिया जा रहा है। लोगों के घर में तुलसी चौरा से एक मुट्ठी मिट्टी ली जा रही है जिसे स्मारक में लगाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में सरगुजा से बस्तर तक चार लेन सड़क सहित 35 हजार करोड़ रुपए की सड़कों का निर्माण, अनेक शहरों में हवाई अड्डों का निर्माण, 1400 किलोमीटर की नई रेल लाइनों का निर्माण, किसानों को धान की फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य दो सौ रुपए अधिक तय करने और तीन सौ रुपए प्रति क्विंटल का बोनस देने, संचार क्रांति के तहत 50 लाख गरीबों को स्मार्ट फोन का वितरण आदि के काम के साथ वर्ष 2025 में छत्तीसगढ़ की स्थापना के रजत जयंती वर्ष में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद को दोगुना करने, शत-प्रतिशत साक्षरता लाने और नक्सली हिंसा का खात्मा करके राज्य में शांति बहाल करने का लक्ष्य रखा गया है।
शहरी नक्सलियों पर शिकंजा कसे जाने को लेकर एक सवाल के जवाब में कहा कि जंगलों में बैठे नक्सलियों का शहरों में समर्थन तंत्र काम करता है, जो बड़ी अदालतों से लेकर मीडिया के कामकाज में सक्रिय हैं और मानवाधिकारों के उल्लंघन का शोर मचाते हैं।
उनसे पूछा जाना चाहिए कि मानवाधिकार क्या केवल नक्सलियों के होते हैं, आदिवासियों के नहीं, जिनकी बच्चियों का यौन शोषण किया जाता है। स्कूलों और अस्पतालों को ध्वस्त किया जाता है। उन्होंने कहा कि नक्सलियों के वैचारिक एवं आर्थिक समर्थन तंत्र का भी सफाया करना जरूरी है। (वार्ता)