Christmas 2023 : क्रिसमस का पर्व परंपरा से 25 जनवरी को मनाए जाने का प्रचलन है। हालांकि कई विद्वानों में इस तारीख को लेकर मतभेद है। इसी मतभेद के चलते ही दुनिया के कई देशों में 7 जनवरी को क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है।
क्या है मान्यता : 25 दिसंबर को उस दौर में रोमन लोग सूर्य उपासना का त्योहार मनाते थे। कहते हैं कि बाद में जब ईसाई धर्म का प्रचार हुआ तो कुछ लोग ईसा को सूर्य का अवतार मानकर इसी दिन उनकी पूजन करने लगे मगर इसे उन दिनों मान्यता नहीं मिल पाई। फिर बाद में इसी दिन को कब उनका जन्म दिवस घोषित कर दिया गया इस पर मतभेद है। सन् 350 में रोमन पादरी यूलियस ने 25 दिसंबर को क्रिसमस डे के रूप में घोषित कर दिया गया। हालांकि कुछ धर्माधिकारी 25 दिसंबर को क्रिसमस को इस रूप में मनाने की मान्यता देने के लिए तैयार नहीं थे। क्योंकि यह वास्तव में रोमन जाति के एक त्योहार का दिन था।
क्रिसमस के इतिहास को लेकर इतिहासकारों में मतभेद है। कुछ इतिहासकारों के अनुसार उनका जन्म 25 दिसंबर को तो कुछ के अनुसार 7 जनवरी को हुआ था। बहुतों का मानना है कि बसंत ऋतु की किसी तारीख को हुआ था।
15 देशों में 7 जनवरी को मनाया जाएगा क्रिसमस : रूस, इजराइल, मिस्र, यूक्रेन, बु्ल्गारिया, माल्डोवा, मैक्डोनिया, इथियोपिया, जॉर्जिया, ग्रीस, रोमानिया, सर्बिया, बेलारूस, मोंटेनेग्रो, कजाखस्तान। दरअसल ग्रेगोरियन और जूलियन कैंलेडर में अंतर होने के कारण ऐसा है। ये लोग जूलियन कैलेंडर को फॉलो करते हैं।
यह भी कहते हैं कि पहले 7 जनवरी को ही क्रिसमस डे मनाया जाता था। 1752 में जब इंग्लैंड ने ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाना शुरू किया तो जूलियन कैलेंडर के साथ अंतर को पूरा करने के लिए दिनों को हटा दिया गया। कई लोगों ने इस बदलाव को स्वीकार नहीं किया और जूलियन कैलेंडर का उपयोग करना पसंद किया। अर्मेनियाई अपोस्टोलिक चर्च 6 जनवरी को एपिफेनी के साथ क्रिसमस मनाता है। रविवार सबसे पहला ईसाई उत्सव था। दूसरी शताब्दी में, पुनरुत्थान एक अलग दावत बन गया और 6 जनवरी को पूर्वी चर्चों में एपिफेनी मनाया जाने लगा। एपिफेनी यानी यह रहस्योद्घाटन कि यीशु ईश्वर का पुत्र था।
दुनिया के करीब 43 देश ऐसे हैं जहां पर क्रिसमस कोई खास त्योहार नहीं है। इसमें से अधिकतर मुस्लिम देश है। 18 देश ऐसे हैं जहां के लोग क्रिसमस किसी तरह नहीं मनाते हैं। अल्जीरिया, अफगानिस्तान, ब्रूनेई, सहरावी अरब डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, सऊदी अरब, सोमालिया, लीबिया, मॉरिटानिया और यमन में क्रिसमस नहीं मनाया जाता क्योंकि यहां कि आबादी मुस्लिम है और ईसाईयों के कोई अधिकार नहीं है।