क्रिसमस पर हरे और लाल रंग का उपयोग क्यों करते हैं?

Webdunia
शनिवार, 23 दिसंबर 2023 (11:00 IST)
Christmas 2023: क्रिसमस पर वैसे तो कई रंगों का उपयोग किया जाता है परंतु लाल और हरे रंग का विशेष तौर पर सभी जगह उपयोग करते हैं। जैसे सांता क्लॉज की ड्रेस भी लाल रंग की है और मोमबत्तियों में भी लाल और हरे रंग का प्रयोग किया जाता है। चर्च और घरों को भी इन्हीं रंगों से सजाया जाता है। आओ जानते हैं कि इसके पीछे क्या कारण है।
 
सेल्टिक्स और शीतकालीन संक्रांति : एक मान्यता के अनुसार, इसकी शुरुआत सदियों पहले प्राचीन सेल्टिक लोगों से हुई थी, जो सर्दी से बचने के लिए लाल और हरे रंग के पवित्र पौधों की पूजा करते थे। उनका मानना था कि यह पौधा सर्दियों के दौरान पृथ्वी को सुंदर बनाए रखता है, इसलिए उन्होंने अपने परिवारों के लिए सुरक्षा और सौभाग्य लाने के लिए शीतकालीन संक्रांति समारोहों के दौरान अपने घरों को इससे सजाया। बाद में यह परंपरा क्रिसमस का हिस्सा बन गई।
 
ईसाई धर्म का प्रतीक : ईसाई मान्यता के अनुसार लाल और हरा रंग यीशु के जीवन का प्रतीक है। लाल यीशु मसीह का खून है और हरा सदाबहार पेड़ है, जो शाश्वत जीवन का प्रतिनिधित्व करता है क्योंकि यह पूरे सर्दियों में इसी रंग में रहता है। ये दो रंग पत्तियों और होली बेरी का भी प्रतिनिधित्व करते हैं जो क्रूस पर यीशु के सिर पर कांटों के मुकुट का प्रतीक हैं।
कोका कोला : कुछ लोगों का मानना है कि यह रंग कोको कोला कंपनी का है। कई लोग सैंटा क्लॉज को एक कल्पित पात्र मानते हैं। उनका मानना है कि इस पात्र को सबसे पहले कोको कोला कंपनी ने गढ़ा क्योंकि उनकी बोतल के रंग के कपड़े सैंटा क्लॉज पहनते हैं। मतलब यह कि सैंटा क्लॉज को उपभोक्तावाद ने लोकप्रिय बनाया। इससे पहले इन्हें कोई नहीं जानता था। आज के आधुनिक युग के सांता का अस्तित्व 1930 में आया। सबसे पहले हैडन संडब्लोम नामक एक कलाकार कोका कोला की एड में सांता के रूप में दिखाई दिया। उसने कारण ही सांता क्लॉज का रंग और हुलिया बदला। आज का आधुनिक सांता इसी कंपनी की देन है। 
 
कोला कंपनी ने सांता क्लॉज की विशेषता वाले विज्ञापनी की एक श्रृंखला बनाई थी। इसमें कलाकार हेडन सुंडब्लॉम या संडब्लोम को सांता का भेष में कोला का आनंद लेते हुए दिखाया गया था। यही छवि आगे चलकर सांता की मुख्‍य छवि बन गई। जिसमें लाल, सफेद और हरे रंग का उपयोग किया गया था। 
 
अन्य रंग : हालांकि क्रिसमस के पर्व में लाल और हरे रंग का बोलबाला है, फिर भी इसमें अन्य रंग महत्वपूर्ण हैं, जैसे सफेद, गोल्डन, सिल्वर और नीला। सफेद रंग से तात्पर्य क्रिसमस की शुद्धता, प्रकाश और पवित्रता से है। इसके अतिरिक्त यह ताजी गिरी हुई बर्फ का रंग भी है। गोल्डन और सिल्वर कलर क्रिसमस की सजावट का विशिष्‍ठ रंग है। यह यीशु के दिए गए उपहारों या सांता के द्वारा दिए जाने वाले उपहारों का प्रतीक भी है। सिल्वर कलर बेथलेहम के सितारे के कलर भी है, जिसे तीन बुद्धिमान लोगों द्वारा देखा गया था। नीला रंग मदर मैरी का है जिन्हें चित्रण में अक्सर नीले रंग के वस्त्र पहने हुए दिखाया जाता है। नीला रंग सर्दियों की बर्फ और हिमपात से भी जुड़ा है। उस दौर में नीला रंग अमीरी का प्रतीक भी था। 

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