इन दिनों ईसाई समुदाय भगवान ईसा मसीह के जन्मदिन को धूमधाम से मनाने के लिए तैयारियों में जुटा हुआ है। दरअसल 25 दिसंबर से कुछ दिनों पहले 29 नवंबर से ही आगमन काल लग जाता है। इस आगमन काल में ईसाई समुदाय के लोग क्रिसमस-डे से संबंधित विभिन्न विधानों को पूरा करते हैं। ईसाई समुदाय के विभिन्न वर्गों के सभी लोग क्रिसमस को लेकर काफी उत्साहित हैं।
बुरे कामों की माँगते हैं क्षमा : सेंट जॉन कैथेड्रल चर्च जिसे महा गिरजाघर भी कहा जाता है, के फादर मार्टिन जोसफ बताते हैं कि आगमन काल में सभी कैथोलिक ईसाई नियमित रूप से चर्च जाकर फादर की मदद से प्रभु यीशु से अपने बुरे कामों के लिए क्षमा याचना करते हैं। हफ्ते में एक दिन उपवास रखकर तथा गरीब, असहाय व भूखे लोगों को अन्न, वस्त्र आदि दान करके समाजसेवा करते हैं। प्रतिदिन चर्च में आकर प्रार्थना करते हैं तथा शराब, सिगरेट व अन्य गलत आदतों से दूर रहने की कोशिश करते हैं।
शहरों में स्थित चर्चों में काफी लोग ऐसे हैं जो नियमित रूप से चर्च में प्रभु यीशु की प्रार्थना करने आते हैं। और अपने साथ-साथ समाजवासियों की सहायता करते हैं।
चर्च से जु़ड़े हुए प्रत्येक लोगों के घर फादर स्वयं जाकर कैरल गीत गाते हैं। कैरल गीत के तहत फादर परिवार के सदस्यों के लिए प्रभु यीशु से आशीर्वाद माँगते हैं। घर-घर जाकर कैरल गीत गाने का यह रिवाज भी आगमन काल के दौरान ही किया जाता है। कैरल गीत गाने का यह रिवाज 15 दिसंबर के बाद शुरू होता है।