भारत के व्रत और त्योहार सौर मास, चंद्र मास, नक्षत्र मास और सावन मास के आधार पर प्रारंभ होते हैं। नेपाल, उत्तराखण्ड और हिमाचल के कुछ हिस्सों में, श्रावण मास सौर कैलेण्डर के अनुसार प्रारंभ होता है। सौर मास यानी कि मेष से मीन तक सूर्य का चक्र चलता है। उसमें कर्क संक्रांति से सावन मास प्रारंभ होगा। सूर्य की एक संक्रांति से दूसरी संक्रांति का समय सौरमास कहलाता है। यह मास प्राय: तीस, इकतीस दिन का होता है। चंद्रमास 2 पक्षों का होता है। यह शुक्ल प्रतिपदा से प्रारंभ होकर अमावस्या और अमावस्या से पूर्णिमा पर समाप्त होता है।
उत्तराखंड में 16 जुलाई से श्रावण मास प्रारंभ हो गया है। इस दिन प्रकृति और हरीतिमा का प्रतीक हरेला पर्व भी मनाया जाएगा। कुमाऊं का मुख्य पर्व हरेला है। इस दिन देवघर में शिवलिंग के दर्शन करने के लिए भीड़ उमड़ती है। शिवलिंग पर सभी लोग जलाभिषेक करते हैं। शिवजी को प्रसन्न करने के लिए ऊॅं नम: शिवाय का जप करते हुए शिवलिंग पर जल अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पर जल अर्पित करने से चित शांत होता है। शिवलिंग पर इत्र अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पर इत्र अर्पित करने से मन की शुद्धि होती है और तामसी प्रवतियों से मुक्ति हो जाती हैं।