भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों में 22 स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिये हैं। बैडमिंटन पुरुष जोड़ी सात्विक और चिराग शेट्टी की दुनिया की सातवें नंबर की जोड़ी ने पुरुष युगल फाइनल में बेन लेन और सीन वेंडी की इंग्लैंड की दुनिया की 19वें नंबर की जोड़ी को 21-15, 21-13 से हराया। (Photo Coutsey:- SAI Media)
रियो 2016 की सिल्वर मेडलिस्ट सिंधु जब कोर्ट में आयीं तो उनके बाएं पैर में बैंडेज बंधी हुई थी, लेकिन यह उनके खेल को जरा भी प्रभावित नहीं कर पाया। पहले गेम में उन्हें मिशेल की ओर से चुनौती मिली, लेकिन दूसरे गेम में कनाडाई खिलाड़ी की अप्रत्याशित गलतियों ने सिंधु के लिये जीत का रास्ता आसान कर दिया। इससे पहले सिंधु ने ग्लासगो 2014 खेलों में कांस्य और गोल्डकोस्ट 2018 खेलों में रजत जीता था, और इस जीत के साथ सिंधु ने राष्ट्रमंडल पदकों का सेट पूरा कर लिया है। वह गोल्डकोस्ट 2018 में स्वर्ण जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थीं, लेकिन महिला एकल में उन्होंने पहली बार सोना जीता है।
दूसरी ओर, लक्ष्य ने पुरुष एकल मैच में मलेशिया के एनजी ट्ज़े योंग को 2-1 से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा ले रहे 20 वर्षीय लक्ष्य ने पहला गेम हारने के बाद शानदार वापसी करते हुए योंग को 19-21, 21-9, 21-16 से मात दी। पहला गेम हारने के बावजूद लक्ष्य पर दबाव नहीं आया, और उन्होंने आक्रामक खेल दिखाते हुए अपना पहला राष्ट्रमंडल स्वर्ण जीता। इससे पहले लक्ष्य एशियाई जूनियर चैंपियनशिप 2018 में स्वर्ण जीता था। इसके अलावा वह थॉमस कप 2022 जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा भी थे।
इसी बीच, सात्विकसाईराज और चिराग ने इंग्लैंड के बेन लेन और शॉन वेंडी को 2-0 के सीधे गेमों में हराकर राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय पुरुष युगल जोड़ी बनने का तमगा अपने नाम किया। भारतीय जोड़ी ने स्वर्ण पदक जीतने के लिये फाइनल मैच में लेन-वेंडी को 21-15, 21-13 के सीधे गेमों में हराया।
आखिरी दिन का चौथा गोल्ड मेडल टेबल टेनिस में आया।भारत के अनुभवी टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंता शरत कमल ने राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुष एकल स्पर्धा के फाइनल में सोमवार को यहां इंग्लैंड के लियाम पिचफोर्ड को 4 -1 से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इस स्पर्धा का कांस्य साथियान ज्ञानशेखर ने जीता।
शानदार लय में चल रहे 40 साल के शरत ने उम्र को धता बताते हुए रैंकिंग में अपने से बेहतर खिलाड़ी के खिलाफ पहला गेम गंवाने के बाद वापसी करते हुए 11-13, 11-7, 11-2, 11-6, 11-8 से जीत दर्ज की। शरत की विश्व रैंकिंग 39वीं है जबकि पिचफोर्ड 20वें स्थान पर काबिज हैं।
शरत का इन खेलों में यह कुल 13वां पदक है। उन्होंने बर्मिंघम खेलों में चार पदक जीते। वह 2006 में मेलबर्न खेलों में फाइनल में पहुंचे थे और स्वर्ण पदक जीता था।