यह अध्ययन, तीन मई को पत्रिका डायबिटीज एंड मेटाबोलिक सिंड्रोम: क्लीनिकल रिसर्च एंड रिव्यूज़ में प्रकाशित हुआ था। यह अध्ययन दिल्ली में फोर्टिस सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस फ़ॉर डायबिटीज़, मेटाबोलिक डिज़ीज़ एंड एंडोक्रिनोलॉजी के कर्मियों पर किया गया।
फोर्टिस, नेशनल डायबिटीज, ओबेसिटी एंड कोलेस्ट्रोल फाउंडेशन और नई दिल्ली स्थित डायबिटीज फाउंडेशन (इंडिया) के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन में डॉक्टरों, पोषण विशेषज्ञ, नर्स, पैरामेडिकल कर्मियों और रखरखाव कर्मियों को शामिल किया गया।
अध्ययन में शामिल 113 में से 107 को टीके की दूसरी खुराक मिली थी। यदि इसे प्रतिशत के रूप में देखा जाए तो अध्ययन में पाया गया कि टीका ले चुके व्यक्तियों में से 15.9 प्रतिशत (18 व्यक्तियों) में संक्रमण हुआ और 95 प्रतिशत में हल्के लक्षण थे। अध्ययनकर्ताओं के अनुसार एक व्यक्ति को छोड़कर बाकी किसी को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी।