Corona टीके के लिए 3 हजार करोड़ का बनेगा कोष, सरकार ने रखा प्रस्ताव

सोमवार, 24 अगस्त 2020 (21:44 IST)
नई दिल्ली। देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) के टीके के विकास की प्रक्रिया को तेज करने और इसके सुरक्षित तथा प्रभावी तरीके से विनिर्माण के लिए सरकार ने मिशन कोविड सुरक्षा का प्रस्ताव किया है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसका गठन करीब 3000 करोड़ रुपए के कोष के साथ किया जाएगा। सरकार का इरादा जनता तक कोविड-19 के टीके की सस्ते दाम पर सुगम पहुंच सुनिश्चित करने का है।

सूत्रों ने बताया कि इस मिशन की अगुवाई जैव प्रौद्योगिकी विभाग कर रहा है। इसमें चिकित्सकीय परीक्षण के चरण से लेकर नियामकीय कार्य और विनिर्माण यानी टीका विकास की पूरी प्रक्रिया शामिल होगी। इस मिशन का मकसद कम से कम छह संभावित वैक्सीन का विकास तेज करना है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल के लिए इनकी लाइसेंसिंग की जाए और बाजार में उतारा जाए।

हालांकि इसके बारे में अभी आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है लेकिन कई अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की कि एक प्रस्ताव तैयार किया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह अभी प्रस्ताव के चरण में है। मसौदा प्रस्ताव के मुताबिक मिशन की समयसीमा 12 से 18 माह रखने का प्रसताव है और इसके लिए करीब 3,000 करोड़ रुपए का बजट होगा।

प्रस्तावित मिशन के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इसके टीके का विनिर्माण पर्याप्त मात्रा में हो जो देश की जरूरत को पूरा कर सके। प्रतिरक्षण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) की मंजूरी के बाद इसे स्वास्थ्य मंत्रालय की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में पेश किया जाएगा ताकि कोविड-19 संक्रमण को और फैलने से रोका जा सके।

प्रस्ताव के मसौदे में कहा गया है कि कोविड-19 टीके के विकास को प्रोत्साहन के लिए सर्वश्रेष्ठ समूहों को एक-साथ लाने के लिए कई प्रयास पहले से किए जा रहे हैं। ऐसे में अब यह जरूरी हो गया है कि टीके का विकास और विनिर्माण परियोजना के तौर पर नहीं बल्कि मिशन के रूप में आगे बढ़ाया जाएगा। मसौदे के अनुसार राष्ट्रीय मिशन देश के नागरिकों को कोविड-19 के टीके तक जल्द से जल्द सुरक्षित और सस्ती पहुंच उपलब्ध कराने पर काम करेगा। यह आत्मनिर्भर भारत पर केंद्रित होगा।

देशभर में अब तक हो चुकी है लगभग 3.59 करोड़ लोगों की जांच : देश में अब तक कुल 3.59 करोड़ लोगों की कोविड-19 जांच हो चुकी है और जांच की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। देश में दस लाख की आबादी पर परीक्षण की संख्या बढ़कर 26,016 तक पहुंच गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि भारत समय पर कोविड-19 रोगियों की पहचान और तेज जांच के बल पर महामारी से निपट रहा है। देश में संक्रमण से उबर चुके लोगों की संख्या 23 लाख से अधिक हो गई है, जिसके बाद ठीक होने की दर 75 प्रतिशत से अधिक हो गई है। जबकि मृत्युदर में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है और अब यह 1.85 प्रतिशत रह गई है।

24 घंटे में हुई 836 कोरोना संक्रमितों की मौत : देश में पिछले 24 घंटे के दौरान 836 कोरोना संक्रमितों की मौत होने के बीच कोरोना मृत्यु दर 1.85 प्रतिशत पर आ गई। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक इस संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 57 हजार के पार 56,542 हो गई है। देशभर में मात्र मिजोरम ही ऐसा राज्य बचा है, जहां एक भी कोरोना संक्रमित की मौत नहीं हुई है।

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