उन्होंने बताया कि निजी चिकित्सालयों में इस बीमारी के उपचार के लिए सरकार ने शुल्क की सूची जारी कर दी है। निजी चिकित्सालय उससे अधिक पैसा वसूल नहीं कर सकते। जयपुर के सवाई मानसिंह चिकित्सालय में अलग से एक विंग बनाई गई है। उन्होंने बताया कि सरकार ने ब्लैक फंगस बीमारी के उपचार के लिए राज्यभर में 9 सरकारी और 11 निजी अस्पतालों को अनुमति दी है। इन अस्पतालों में नाक, कान, गला (ईएनटी) और आंखों के विशेषज्ञ हैं और उपचार के संसाधन उपलब्ध हैं।
मंत्री ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की जो टीमें डोर टू डोर सर्वे कर रही हैं, उन्हें भी कहा गया है कि अगर ब्लैक फंगस के लक्षण का कोई मामला नजर आए तो तत्काल उसे अस्पताल में रिपोर्ट करवाएं। अगर प्रारंभिक अवस्था में कोई व्यक्ति अस्पताल पहुंचता है तो जीवन को खतरा नहीं रहता है और बड़ी जटिलताएं भी नहीं आती हैं। (भाषा)