ऑक्सीजन कमेटी की रिपोर्ट पर घमासान, भाजपा का केजरीवाल पर बड़ा हमला, लगाया 4 गुना झूठ बोलने का आरोप

Webdunia
शुक्रवार, 25 जून 2021 (12:30 IST)
नई दिल्ली। भाजपा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर शुक्रवार को बड़ा हमला करते हुए ऑक्सीजन संकट पर 4 गुना झूठ बोलने का आरोप लगाया। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने 4 गुना ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत बताई, इससे ऑक्सीजन टैंकर सड़क पर खड़े रहे। अगर ये ऑक्सीजन दूसरे राज्यों में उपयोग होती तो कई लोगों की जान बच सकती थी।
 
भाजपा नेता संबित पात्रा ने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन के कारण कई लोगों ने अपनी जान गंवाई, इसके लिए अरविंद केजरिवाल जी जिम्मेदार हैं। हम आशा करते हैं सर्वोच्च न्यायालय में वो जिम्मेदार ठहराए जाएंगे और जो अपराध उन्होंने किया है, उसके लिए उन्हें दंडित किया जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा 4 गुना ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत बताई गई, जिससे ऑक्सीजन टैंकर सड़क पर खड़े रहे। अगर ये ऑक्सीजन दूसरे राज्यों में उपयोग होती तो कई लोगों की जान बच सकती थी। ये अरविंद केजरीवाल जी द्वारा किया गया जघन्य अपराध है।
 
पात्रा ने कहा कि सीएम केजरीवाल 100% विज्ञापन और जीरो प्रतिशत कोविड मैनेजमेंट के फार्मूले पर काम कर रहे हैं। केजरीवाल ने 1,000 करोड़ रुपए केवल विज्ञापन पर खर्च किए हैं। सबसे बड़ी बात अरविंद केजरीवाल जी ने ऑक्सीजन को लेकर 4 गुना झूठ बोला है।
 
भाजपा नेता ने कहा कि हिंदुस्तान की राजनीति में पहली बार 4 गुना झूठे साबित हो रहे हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल। ये छोटी बात नहीं है। उन्हें जनता को जवाब देना होगा।

इस बीच उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के अपनी ऑक्सीजन की जरूरत को बढ़ाने के दावे पर कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित ‘ऑक्सीजन ऑडिट पैनल’ के सदस्यों ने किसी भी रिपोर्ट को हरी झंडी नहीं दी है।
 
कुछ मीडिया खबरों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट की एक पैनल ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली सरकार ने कोरोना संकट के पीक पर जरूरत से 4 गुना ज्यादा ऑक्सीजन की डिमांड की। इससे 12 राज्यों की सप्लाई पर असर पड़ा।
 
रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर के समय केंद्र से 1,140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग की थी। ये दिल्ली की जरूरत से 4 गुना ज्यादा है। दिल्ली में उस समय जितने ऑक्सीजन बेड थे, उसके हिसाब से दिल्ली को 289 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की ही आवश्यकता थी।

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