बीजिंग। चीन ने बुधवार को यह प्रश्न टाल दिया कि क्या वह वुहान विषाणु विज्ञान संस्थान (डब्ल्यूआईवी) से कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के लीक होने के आरोपों की स्वतंत्र जांच की अनुमति देगा या नहीं। वहीं चीन के शोधार्थियों ने दावा किया है कि यह संक्रमण पैंगोलिन (एक प्रकार की छिपकली) से मनुष्य तक पहुंचा है।
कोरोनावायरस की उत्पत्ति पर स्वतंत्र जांच की मांग अमेरिका की नई रिपोर्ट के बाद और तेज हुई है, जिसमें कहा गया है कि डब्ल्यूआईवी के कुछ शोधकर्ता चीन द्वारा 30 दिसंबर 2019 को कोविड-19 के आधिकारिक ऐलान से पहले ही बीमार पड़ गए थे।
जांच की मांग पर सवालों के जवाब देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञ समूह द्वारा कोरोनावायरस की उत्पत्ति पर किए गए अध्ययन का हवाला दिया, किंतु इस प्रश्न को टाल दिया कि कोविड-19 के डब्ल्यूआईवी से लीक होने के आरोपों की जांच बीजिंग पर सहमत होगा या नहीं। इस विशेषज्ञ समूह ने वुहान और डब्ल्यूआईवी का दौरा किया था।
वुहान विश्वविद्यालय के विषाणु विज्ञान विशेषज्ञ यांग झानक्यू ने ग्लोबल टाइम्स से कहा कि शुक्रवार की रिपोर्ट के आधार पर यह कहना सुरक्षित रहेगा कि चमगादड़ उस कोरोनावायरस के संभावित पूर्वज हैं, जिसके कारण 2003 में सार्स और हाल ही में कोविड-19 महामारी हुई है लेकिन कोरोनावायरस के स्वरूप पैंगोलिन में मिले हैं जो मनुष्यों में पाए जाने वाले नोवल कोरोनावायरस के करीब है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि वायरस कैसे चमगादड़ों से पैंगोलिन से होता हुआ मानव को लगा।(भाषा)