कैसे मिलेगा Corona डेथ सर्टिफिकेट, जानिए किन मौतों को कोविड-19 से मौत नहीं माना जाएगा

गुरुवार, 16 सितम्बर 2021 (15:16 IST)
 कोरोना से मरने वाले लोगों के परिजनों को जारी किए जाने वाले डेथ सर्ट‍िफकेट को लेकर अब तक असंमजस की स्‍थि‍ति‍ थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार की राज्‍यों को जारी की गई गाइडलाइन से बहुत कुछ साफ हो जाएगा।

कोरोना वायरस से होने वाली मौतों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और इंडियन काउंसिल फ़ॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने राज्य सरकारों को निर्देश जारी किए हैं।

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबि‍क केंद्र ने सभी राज्यों से कहा है कि यदि किसी व्यक्ति की कोरोना से मौत हो जाती है तो डेथ सर्टिफिकेट पर 'कोरोना से मौत' लिखना जरूरी होगा। इसके साथ ही जिन लोगों की कोरोना की वजह से पहले मौत हो चुकी है, उनके परिवार भी इस नए डेथ सर्टिफिकेट की मांग कर सकता है।

ऐसे परिवारों की मांग पर एक्‍शन लेने के लिए हर जिले में एक कमिटी गठन की जाएगी। ये कमिटी आवेदन मिलने के 30 दिन के भीतर उस पर फैसला लेगी।

दरअसल, कुछ दिनों पहले रीपक कंसल और गौरव बंसल नाम के दो लोगों ने याचि‍का दायर की थी, जि‍समें उन्‍होंने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन ऑथोरिटी (NDMA) को कोरोना से हुई मौत के लिए न्यूनतम मुआवजा तय करने के लिए कहा था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में संज्ञान लेकर नए आदेश जारी किए हैं।

30 जून को दिए इसी फैसले में कोर्ट ने सरकार से डेथ सर्टिफिकेट में मौत की वजह कोरोना लिखे जाने की व्यवस्था बनाने के लिए कहा था। इस दिशा में काम न होने के लिए कोर्ट इससे पहले नाराजगी जता चुका है। अब केंद्र ने हलफनामा दायर कर बताया है कि डेथ सर्ट‍िफि‍केट के बारे में दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं।

क्या है केंद्र के निर्देश?
ये भी है स्‍टडी के तथ्‍य  
सरकार ने बताया है कि आईसीएमआर की स्टडी में सामने आया है कि 95% मौतें रिपोर्ट पॉजिटिव आने के 25 दिन के भीतर हो जाती हैं। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अगर 30 दिन के भीतर किसी मरीज की मौत हो जाती है, तो उसे कोविड डेथ माना जाएगा। फिर वो मौत भले ही अस्पताल में हुई हो या घर पर।

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