जयपुर। कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर जहा पहले राजस्थान में भाजपा एवं कांग्रेस ने मिलजुलकर कोरोना वायरस को हराने के लिए संकल्प लिया था। वहीं अब तबलीगी जमात एवं राहत सामग्री के वितरण को लेकर राज्य सरकार के निर्णयों, कदमों तथा रवैये को लेकर राजस्थान भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के एतराजपूर्ण वक्तव्य को देखते हुए यह संकल्प कहीं टूट न जाए।
गौरतलब है कि विगत दिनों नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया एवं डॉ. पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एंव प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के साथ बैठक कर महामारी से मिल-जुलकर लड़ने का संकल्प लिया था एवं मुख्यमंत्री को 21 सुझाव दिए थे, जिसे उन्होंने मान लेने का विश्वास दिलाया था।
इस संबंध में डॉ. पूनिया ने एक वक्तव्य जारी कर कहा है कि एक तरफ तो पूरा विश्व, भारत एवं राजस्थान कोरोना महामारी से लड़ रहा है, वहीं राज्य सरकार की फितरत तुष्टिकरण की है एवं इस पूरी मुहिम का कांग्रेसीकरण होता दिखाई दे रहा है।
उन्होंने कहा कि जयपुर में कांग्रेस के विधायकों ने अधिकारियों पर दबाव बनाया एवं जिस तरीके से राहत सामग्री बांटने में भेदभाव किया, मुझे लगता है कि उसे किसी भी तरीके से ठीक नहीं कहा जा सकता है। दूसरी तरफ तबलीगी जमात के जो लोग आए एवं कम्युनिटी लेवल पर संक्रमण बढ़ा है, जो कि चिंता का विषय है। सरकार को इस सख्त एक्शन लेना चाहिए। सरकार ने इस दिशा में काम शुरू भी किया, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से तबलीगी शब्द को ही हटा दिया।
डॉ. पूनिया ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों के साथ बदसलूकी की जाती है एवं केवल वर्ग विशेष की बस्तियों में राशन बांटा जाता एवं दलितों और वंचितों की बस्तियों में भेदभाव हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार सोशल मीडिया आड़ में साइबर क्राइम का बहाना बनाकर जो भाजपा या इस विचारधारा के कार्य कर्ता हैं, उन पर मुकदमे बनाए जाते हैं। दूसरी ओर प्रधानमंत्री के खिलाफ अपशब्द लिखने वालों पर कार्रवाई नहीं होती है।
दूसरी ओर, वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य एवं पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी का कहना है कि राज्य सरकार जो भी तबलीगी जमात का संक्रमित व्यक्ति या मरीज मिल रहा है, उसका इलाज कर रही है। उन्होंने कहा कि नगर पालिका एवं वार्ड स्तर पर राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है। इसी के चलते पूर्व विधायक सेनी ने ग्राम कालाडेरा में अस्पताल प्रशासन को पीपीई किट भेंट किए।