नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कोरोना वायरस (Corona virus) से प्रभावित होने के कारण विभिन्न देशों में फंसे भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के प्रयासों के बारे में बुधवार को राज्यसभा में बताया कि सरकार विश्व के किसी भी भाग में रहने वाले अपने नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इटली में फंसे भारतीय नागरिकों की मदद के लिए जल्द ही चिकित्सा दल भेजा जाएगा।
इस पर जयशंकर ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप की मौजूदा स्थिति को देखते हुए किसी भी व्यक्ति की स्वदेश वापसी के लिए संक्रमण मुक्त होने का प्रमाण पत्र की अनिवार्यता का सख्ती से पालन किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इटली में वायरस के संक्रमण को देखते हुए वहां की सरकार अपने नागरिकों को प्राथमिकता दे रही है, इसलिए अन्य देशों के नागरिकों को संक्रमण मुक्त होने का प्रमाण पत्र मिलने में विलंब हो रहा है।
उन्होंने कहा कि इसके मद्देनजर सरकार जल्द ही इटली के लिए भी चिकित्सा दल भेज रही है। इससे पहले बयान में जयशंकर ने बताया कि सरकार ने 6 सदस्यीय चिकित्सा दल ईरान भेजा है। इस दल की मदद से वहां मौजूद भारतीय नागरिकों के नमूने एकत्र कर परीक्षण कराया जा रहा है। अब तक 108 नमूना परीक्षण की रिपोर्ट नकारात्मक आई है। इनमें से 58 नागरिकों को 10 मार्च को ईरान से भारत वापस लाया गया।
उन्होंने बताया कि अभी 529 नमूनों परीक्षण की रिपोर्ट आना बाकी है। इनकी भी स्वदेश वापसी शीघ्र होगी। उन्होंने ईरान में लगभग 6000 भारतीय नागरिक हैं। इनमें से 1100 तीर्थयात्री, 300 छात्र, 1000 मछुआरे और अन्य लोग शामिल हैं।